उत्तराखंड के 4 गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया गया. विश्व पर्यटन दिवस पर दिल्ली में शुक्रवार को हुए कार्यक्रम में पर्यटन मंत्रालय की ओर से यह पुरस्कार दिया गया. ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने को मंत्रालय की ओर से हर साल राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता आयोजित की जाती है.

नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आज विश्व पर्यटन दिवस समारोह के आयोजन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया. इस दौरान पुरस्कार वितरण समारोह में उत्तराखण्ड के चयनित ग्रामों के प्रधानों द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार प्राप्त किया गया.

जखोल गांव को साहसिक पर्यटन के लिए मिला सम्मान

समारोह में इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन के लिए चुना गया, जो अपनी ऊंचाई, खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग रूट्स के लिए जाना जाता है. उत्तरकाशी जिले के ही हर्षिल गांव और पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के रूप में सम्मानित किया गया.

बागेश्वर जिले का सूपी गांव को मिला पुरस्कार

इस अवसर पर बागेश्वर जिले के सूपी गांव को कृषि पर्यटन के लिए पुरस्कृत किया गया. सूपी गांव अपनी पारम्परिक कृषि पद्धतियों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है. कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के तहत यहां पर्यटकों को ग्रामीण जीवन और खेती से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया जा सके.

पर्यटन मंत्रालय हर साल करता र्यटन ग्राम प्रतियोगिता का आयोजन

पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. संस्कृति एवं प्राकृतिक संपदा के संरक्षण, समुदाय आधारित मूल्य व जीवन शैली को बढ़ावा देने तथा आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को इसमें रखा जाता है. इन्हीं विषयों पर प्रविष्टियां राज्यों से आमंत्रित की जाती हैं. इस वर्ष प्रविष्टियों के आधार पर उत्तराखण्ड के चार ग्रामों को चयनित किया गया है.

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