मुकेश मिश्रा, अशोकनगर। मध्य प्रदेश के अशोकनगर में जिला पंचायत गेट पर एक शख्स ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्महत्या का प्रयास किया। हालांकि इस दौरान वहां सुरक्षा में तैनात गार्ड ने माचिस छीनकर उसकी जान बचाई। युवक रंजीत शाक्य ने मॉडल स्कूल में प्राचार्य पद पर पदस्थ रहे महेंद्र रघुवंशी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से युवक आहत था। 

कार्रवाई नहीं होने से उठाया कदम 

युवक रंजीत शाक्य ने बताया कि वह 3 सालों से लगातार पूर्व मॉडल स्कूल के प्राचार्य महेंद्र सिंह रघुवंशी की शिकायत कर रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी उन पर कार्रवाई होना तो दूर बल्कि उन्हें प्रशासनिक स्तर पर प्रमोट किया जा रहा है। जिससे आहत होकर मेरे द्वारा यह आत्महत्या का कदम उठाया गया है। रंजीत का कहना है कि मेरे द्वारा आरटीआई के माध्यम से और मॉडल स्कूल के प्राचार्य द्वारा भ्रष्टाचार एवं अपनी ही वेतन की राशि का अधिक आहरण किया जाना प्रतीत होता है। इस पूरे मामले की शिकायत मेरे द्वारा लगातार कलेक्टर से की जा चुकी है, इसको लेकर दोषी मानते हुए उन पर कार्रवाई तो नहीं हुई बल्कि उन्हें गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल का प्रचार बना दिया गया। 

जिला पंचायत सीईओ ने कार्रवाई का दिया आश्वासन 

युवक ने कहा कि मेरी शिकायतों पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसको लेकर आज मैं आत्महत्या करने के विचार से जिला पंचायत पहुंचा, जहां मामले की जांच के लिए जिला पंचायत सीईओ नेहा जैन को नियुक्त किया गया था। हालांकि इस पूरी घटना के बाद जिला पंचायत सीईओ नेहा जैन ने इस पूरे मामले की दोबारा से जांच 7 दिन के अंदर करने की बात कही है। यह आश्वासन रंजीत शाक्य को दिया गया है। वही रंजीत का कहना है कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं होती तो मैं फिर से इस तरह का कदम उठाऊंगा।

आरोप निराधार 

वहीं दूसरी तरफ कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में पदस्थ प्राचार्य महेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि मैं रंजीत शाक्य के नाम के व्यक्ति को जानता भी नहीं। हालांकि यह पूरी शिकायत के पीछे रंजीत नहीं बल्कि हमारे ही विभाग के शिक्षक का हाथ है। क्योंकि मेरे द्वारा उन पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जिसका बदला वह मुझसे लेना चाहते हैं। जिसके कारण वह पूरी शिकायत करवा रहे हैं। अगर मेरे द्वारा भ्रष्टाचार किया गया होता, तो इतनी शिकायतों के बाद भी मुझ पर कार्यवाही हो गई होती। रही बात मॉडल स्कूल में समान खरीदारी की तो मॉडल स्कूल के अध्यक्ष कलेक्टर महोदय होते हैं। उनके ही निर्देश के बाद सामान की खरीदी होती है और नोटशीट तैयार की जाती है। यदि फिर भी अगर मैं गलत हूं तो प्रशासन को कार्यवाही करने का पूरा अधिकार है। हालांकि रंजीत द्वारा लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं रंजीत द्वारा लगातार आरटीआई लगाकर पैसे की मांग की जाती है। उसने मुझसे भी ₹60000 की मांग की थी। जिसके पूरे तथ्य मैंने अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किए हैं।   

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