Rajasthan News: जयपुर स्थित राजस्थान हाई कोर्ट के बी-ब्लॉक में शुक्रवार सुबह संविदाकर्मी मनीष कुमार सैनी ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने तीसरी मंजिल से मनीष का शव बरामद किया, जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। अभी तक आत्महत्या के कारण स्पष्ट नहीं हो पाए हैं, लेकिन पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हाई कोर्ट परिसर में हुए इस हादसे के बाद हड़कंप मच गया है।

आर्थिक दबाव से था परेशान
मनीष सैनी हाई कोर्ट में संविदा पर कार्यरत थे और हर रोज बांदीकुई से काम करने आते थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह कम सैलरी और अपने सहकर्मियों के व्यवहार से परेशान थे। उनकी नियमित भर्ती का मामला न्यायालय में लंबित था, जिसमें उन्होंने लाखों रुपये खर्च किए थे। इन आर्थिक और मानसिक दबावों से परेशान होकर मनीष ने आत्महत्या कर ली।
सहकर्मियों का धरना
घटना की जानकारी मिलते ही कोर्ट के अन्य कर्मचारी और वकील इकट्ठा हो गए और जीए ऑफिस के बाहर धरना शुरू कर दिया। उनकी तीन प्रमुख मांगें हैं: मनीष की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए, परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिले, और बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाए। जब तक ये मांगे पूरी नहीं होती, धरना जारी रखने का ऐलान किया गया है।
जांच और अन्य मांगें
मृतक मनीष की पत्नी बीए पास हैं, और कर्मियों ने मांग की है कि उन्हें नौकरी दी जाए। इसके साथ ही परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में एक करोड़ रुपये देने की मांग की जा रही है। कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित SLP को वापस लेने और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। FSL की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
पढ़ें ये खबरें भी
- उत्तरकाशी में खतरा अभी टला नहीं! CM धामी ने अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के दिए निर्देश, मुख्यमंत्री ने लोगों से की ये खास अपील…
- मायके में पत्नी का पड़ोसी से झगड़ा: बदला लेने पति कट्टा लेकर घर से निकला, लेकिन पहुंच पाता उससे पहले रास्ते में हो गया कांड
- हाईकोर्ट सख्त : छत्तीसगढ़ में बिना मान्यता चल रहे नर्सरी स्कूलों पर सरकार को लगाई फटकार, प्रभावित बच्चों को 5 लाख मुआवजा देने के निर्देश
- CM योगी के प्रयास से जगी आसः आगरा बनेगा कंद फसलों के नवाचार का वैश्विक केंद्र, परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने दी इतने करोड़ की मंजूरी…
- भोपाल MD ड्रग मामले में दो विदेशी गिरफ्तार: थाई महिला और नाइजीरियन युवक कोर्ट में पेश, 8 अगस्त तक पुलिस रिमांड