कर्नाटक के मुख्यमंत्री एम. सिद्धारमैया के खिलाफ मैसुरु लोकायुक्त ने FIR दर्ज कर ली है. उनके खिलाफ मैसुरु अर्बन डिवेलपमेंट अथॉर्रिटी के प्लॉट्स के आवंटन में घोटालों के आरोपों में FIR दर्ज की गई है.
अदालत की ओर से सिद्धारमैया के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश लोकायुक्त को दिया गया था. इसके बाद ही यह ऐक्शन लिया गया है. यह FIR मैसुरु के लोकायुक्त SP उदेश के नेतृत्व में दर्ज की गई है. वहीं इसके लिए आदेश लोकायुक्त एडीजीपी मनीष खरबीकर की ओर से दिया गया था.
अदालत ने सिद्धारमैया के खिलाफ CRPC के सेक्शन 156(3) के तहत केस फाइल किया है. इसके अलावा IPC की धाराओं 120B, 166, 403, 420, 426, 465, 468, 340, 351 के तहत भी सिद्धारमैया के खिलाफ केस फाइल हुआ है. इस केस की जांच लोकायुक्त पुलिस की ओर से की जाएगी. FIR के आधार पर सिद्धारमैया को पूछताछ के लिए भी बुलाया जा सकता है. बता दें कि लोकायुक्त के पास गिरफ्तारी की भी शक्ति होती है. ऐसे में सिद्धारमैया की गिरफ्तारी की भी आशंका है.
शिकायतकर्ता RTI कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की शिकायत पर कोर्ट ने CM सिद्धारमैया के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था. सिद्धारमैया इस केस के चलते बुरे फंसते दिख रहे हैं उन पर पद से हटने का दबाव भी बन रहा है. हालांकि लगातार सिद्धारमैया इससे इनकार कर रहे हैं. उन्होंने गुरुवार को भी कहा था कि वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उनके ऊपर लगाए आरोप झूठे हैं और विपक्ष की साजिश हैं.
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी उनका बचाव कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा. उन्होंने कहा कि MUDA के लोग जो चाहें वे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं. यह जरूरी नहीं है कि सरकार उसके सभी सवालों का जवाब दें, क्योंकि वह एक स्वायत्त निकाय होने के कारण कार्रवाई कर ही सकता है.
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