दिल्ली स्थित फिनलैंड दूतावास में शुक्रवार को शिक्षा के आदान-प्रदान को लेकर पंजाब की ‘आप’ सरकार और फिनलैंड की तुर्कू यूनिवर्सिटी के बीच समझौता हुआ। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के निमंत्रण पर दिल्ली में शिक्षा क्रांति के जनक पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस समारोह में बतौर गेस्ट शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हो रही शिक्षा क्रांति में आज एक नया अध्याय जुड़ गया।
भगवंत मान सरकार ने अपने शिक्षकों की विश्वस्तरीय ट्रेनिंग के लिए फ़िनलैंड भेजने का फ़ैसला लिया है। इसके लिए बाक़ायदा पंजाब सरकार और फ़िनलैंड के बीच एमओयू साइन हुआ। इस अवसर पर पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और फ़िनलैंड के राजदूत किमो लाहदेवीरता समेत अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि पंजाब के शिक्षकों को विश्वस्तरीय ट्रेनिंग मिलने का मतलब वहां सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के सुनहरे भविष्य की ओर एक और कदम बढ़ाना है। इस एमओयू के तहत पंजाब सरकार ने कार्यक्रम बनाया है कि वह 3-3 हफ़्ते की ट्रेनिंग के लिए लिए अपने शिक्षकों को फ़िनलैंड भेजेगी। मुझे ख़ुशी है कि मेरे शिक्षा मंत्री रहते हुए दिल्ली सरकार के हज़ारों प्रिंसिपल, टीचर्स और शिक्षा अधिकारी फ़िनलैंड, सिंगापुर, जर्मनी, ब्रिटेन ( कैम्ब्रिज, ऑक्सफ़ोर्ड) अमेरिका, रुस और जापान से विश्वस्तरीय ट्रेनिंग लेकर आ चुके हैं और आज की तारीख़ में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध करा रहे हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब पूरी दुनिया जाति, धर्म, और सीमाओं के आधार पर विभाजित हो रही है, ऐसे में शिक्षा ऐसी चीज है जो हम सबको दोबारा एकजुट करती है। यह सीखने और एक-दूसरे का सहयोग करने का एक अच्छा मौका है। मैं ख़ास तौर से खुश हूं कि फ़िनलैंड की टर्कू यूनिवर्सिटी हमारे पंजाब के टीचर्स को ट्रेनिंग देगी। जब मैं दिल्ली का शिक्षा मंत्री था, तब मैंने टीचर्स को फ़िनलैंड भेजने की पहल की थी। टीचर्स को भेजने से पहले, मैंने खुद कुछ विश्वविद्यालयों का दौरा किया और आखिरकार यह तय किया कि हम अपने कई प्रिंसिपल और टीचर्स को फ़िनलैंड भेजेंगे। जब हमने दिल्ली में यह योजना बनाई, तब यह 10 दिनों का ट्रेनिंग प्रोग्राम था। मुझे खुशी है कि अब हमारे पास 3-3 हफ्ते का ट्रेनिंग प्रोग्राम है, जिससे हमारे टीचर्स फ़िनलैंड के शिक्षा प्रणाली को और बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह सवाल बहुत अहम है कि आखिर फ़िनलैंड क्यों? शिक्षा हमेशा से मेरे दिल के बहुत करीब रही है। शिक्षा मंत्री बनने से पहले मैं एक पत्रकार था। पत्रकार के रूप में मैंने अक्सर पढ़ा कि दुनिया के नक्शे पर एक छोटा सा देश है, जो शिक्षा में नंबर एक है। मैं हमेशा जानना चाहता था कि वे ऐसा क्या अलग कर रहे हैं। फ़िनलैंड शिक्षा और पढ़ने में नंबर एक क्यों है? कुछ रिसर्च करने पर मुझे दो मुख्य कारण मिले, टीचर्स की बेहतरीन ट्रेनिंग और प्रारंभिक शिक्षा प्रणाली। जब मैंने अलग-अलग देशों की प्रारंभिक शिक्षा प्रणाली के बारे में पढ़ा, तो पता चला कि कुछ देश 5 साल की उम्र में, कुछ 6 साल में और कुछ 7 साल में बच्चों की औपचारिक पढ़ाई शुरू करते हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि फ़िनलैंड में, जहां बच्चे 7 साल की उम्र में औपचारिक पढ़ाई शुरू करते हैं, वे शिक्षा के मामले में दुनिया के सबसे आगे हैं। दुनिया में 143 देश ऐसे हैं जो 6 साल की उम्र में स्कूल शुरू करते हैं और 24 देश 5 साल की उम्र में। लेकिन फ़िनलैंड का यह तरीका, जिसमें बच्चे 7 साल की उम्र में स्कूल शुरू करते हैं, कुछ सालों में ही सबसे बेहतर नतीजे देता है। इस बात ने मुझे फ़िनलैंड के शिक्षा प्रणाली को गहराई से समझने के लिए प्रेरित किया। मुझे फ़िनलैंड के लोगों और उनके नीति निर्माताओं की सराहना करनी चाहिए। उनकी सफलता का राज़ उनके टीचर्स की ट्रेनिंग में छिपा है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि फ़िनलैंड में दुनिया की सबसे बेहतरीन टीचर ट्रेनिंग प्रणाली है। जब मैंने उनके ट्रेनिंग सेंटर्स का दौरा किया और अपने प्रिंसिपल्स और टीचर्स को वहां भेजा, तो मुझे वहां से जो ज्ञान मिला, वह बेहद शानदार था। जिन टीचर्स और प्रिंसिपल्स ने वहाँ ट्रेनिंग ली, वे आज यहां बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। मुझे पूरा यकीन है कि जो टीचर्स इस 3-3 हफ्ते की ट्रेनिंग प्रोग्राम में जाएंगे, वे और भी अधिक सीखेंगे और पंजाब व भारत का भविष्य सुरक्षित, शिक्षित और उज्ज्वल बनाएंगे। प्रारंभिक शिक्षा बहुत जरूरी है। भारत में, खासकर दिल्ली और पंजाब में, मैंने स्कूलों में देखा है कि कुछ टीचर्स को लगता है कि हर बच्चे को नहीं सिखाया जा सकता। लेकिन फ़िनलैंड से जो मैंने सीखा, वह यह है कि वहां के टीचर्स मानते हैं कि हर बच्चे में क्षमता होती है। यही सोच सबसे बड़ा फर्क पैदा करती है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि कई शिक्षा प्रणालियों में, टीचर्स मानते हैं कि सिर्फ कुछ बच्चों में क्षमता होती है। लेकिन फ़िनलैंड में टीचर्स मानते हैं कि हर बच्चे में क्षमता होती है, और वे हर बच्चे को सफल बना सकते हैं। हमें अपने टीचर्स में भी यही विश्वास पैदा करना है। एक टीचर का यह कर्तव्य है कि वह मानें कि हर बच्चे में संभावना है, और एक टीचर के रूप में उस संभावना को निखारना हमारा काम है। मुझे पूरा भरोसा है कि यह कार्यक्रम सफल होगा। हम अपने टीचर्स से और भी बातचीत करेंगे, चाहे आमने-सामने हो या ऑनलाइन, और प्रशिक्षकों के साथ और गहराई से चर्चा करेंगे। यह एक बेहतरीन अवसर है और मैं इस साझेदारी में असीम संभावनाएं देख रहा हूं।
इस अवसर पर पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने ट्वीट कर कहा कि आज पंजाब के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि आज शिक्षा विभाग ने एसईआरटी के माध्यम से फ़िनलैंड की टर्कू यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू साइन किया है। यह समझौता फ़िनलैंड एम्बेसी में हुआ। इस साझेदारी से हमारे शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक नेताओं से सीखने के नए अवसर मिलेंगे। भारत में शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और खास बनाया, क्योंकि उनके नेतृत्व में दिल्ली शिक्षकों को फ़िनलैंड भेजने वाला पहला राज्य था। इस सहयोग के लिए भारत में फिनलैंड के राजदूत का ह्दय से आभार है।
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