रायपुर। विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तीसरे दिन की शुरुआत बेहद हंगामेदार रही. सदन में अनुपरक बजट पर चर्चा के साथ ही विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष के सदस्य इस बात से बेहद नाराज हो गए कि चर्चा राज्यपाल के अभिभाषण पर पहले न हो कर अनुपरक बजट पर क्यों? इसे लेकर विपक्ष ने आसंदी के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई.  बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पिछले 28 सालों की ये मान्य परंपरा है कि राज्यपाल के अभिभाषण के बाद पहले उस पर चर्चा होती है, लेकिन अभिभाषण पर चर्चा के पहले अनुपूरक बजट पर चर्चा उचित नहीं है. पूर्व संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि अध्यक्ष जी आपने जिस दिन शपथ ली थी आपने कहा था कि छत्तीसगढ़ विधानसभा की मान्य परंपराओं और गरिमा को आगे लेकर जाएंगे.

इस बीच अजय चंद्राकर ने किसानों के कर्जा माफी को लेकर सवाल उठाए. इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई. हीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा की जो परंपरा रही है, उसका निर्वहन होना चाहिए. छत्तीसगढ़ विधानसभा की ख्याति देश ही नहीं बल्कि देश से बाहर भी जाये.  हम कहीं भाग नहीं रहे लेकिन सदन में जो परंपरा है कि राज्यपाल के अभिभाषण के बाद उस पर होने वाली चर्चा को आगे बढ़ाई जाए.

हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने अजय चंद्राकर से कहा, शुरुआत में इतनी उत्तेजना क्यों? आज की अनुपूरक बजट की चर्चा को रोकने की कोशिश क्यों की जा रही है? 16 लाख किसानों को लाभ मिला है. क्या बीजेपी के लिए किसानों का हित चर्चा का विषय नहीं है? सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति ने सदन की कार्यवाही के विवरण को सहमति दी है. समिति में विपक्ष के सदस्य भी है. तो फिर ये आपत्ति कैसी? इधर बीजेपी के सदस्य राज्यपाल का अपमान नहीं चलेगा का नारा लगाते हुए शोर मचाते रहे.

विपक्ष की कड़ी आपत्ति के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने  डॉ चरणदास महंत व्यवस्था दी. अब राज्यपाल के कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर 9, 10 और 11 तारीख को चर्चा होगी. पूर्व में भी ऐसे उदाहरण है कि राज्यपाल के अभिभाषण के पहले सदन में अनुपूरक मांगों पर चर्चा हुई है.

विशेषाधिकारन हनन की सूचना के साथ विपक्ष का वॉक आउट
इधर शोर-हंगामे के बीच विपक्ष की ओर से बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने विषेशाधिकार हनन की सूचना दी. शिवरतन शर्मा ने कहा कि विधानसभा का नोटिफिकेशन होने के बाद कोई भी नई घोषणा नहीं की जा सकती, लेकिन संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू ने राजिम कुंभ की जगह पुन्नी मेला होने की घोषणा की थी. इस पर आसंदी ने कहा कि विशेषाधिकार हनन की सूचना मेरे विचार में है. इस पर मैं बाद में व्यवस्था दूंगा. वहीं बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आसंदी को कम से कम सदस्य की बात सुननी चाहिए. इस पर  स्पीकर ने बृजमोहन अग्रवाल से कहा कि सदन में इतना तीखा व्यवहार न करें. वहीं विशेषाधिकार हनन के मामले को लेकर विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया.