ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 26 सिंतबर को गोध्वज स्थापना भारत यात्रा लेकर नागालैंड पहुंचे. शंकराचार्य दीमापुर के एयरपोर्ट से गोप्रतिष्ठा ध्वज स्थापित करने के लिए रवाना हुो रहे थे. इसी बीच चुमुकेदिमा जिला प्रशासन ने उन्हें रोक लिया. प्रशासन ने अविमुक्तेश्वरानंद को बताया कि आपको नागालैंड सरकार ने गोध्वज स्थापना भारत यात्रा सभा करने के लिए निषेधात्मक आदेश पारित किया है. ऐसे में आपके आने से प्रदेश की स्थिति बिगड़ने की संभावना है.

शंकराचार्य ने एक वीडियो के माध्यम से नागालैंड के मुख्यमंत्री को संदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि हमने ना तो नागालैंड की संस्कृति का विरोध किया, ना नागालैंड सरकार का विरोध किया, ना यहां के नागरिकों का विरोध किया, ना ही किसी तरह के अलगाव की बात की, तो आखिर किस आधार पर हमें यहां नहीं आने दिया जा रहा है? शंकराचार्य को बताया गया कि यह फैसला कैबिनेट स्तर पर लिया गया है.

अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि ये हमारे संवैधानिक अधिकार का हनन है. भारत देश में जन्मा प्रत्येक व्यक्ति सभी स्थानों पर निर्बाध प्रवेश कर सकता है. हमें अपने लोगों से मिलने से रोकना हमारे मौलिक अधिकार का हनन है. हम नागालैंड की सरकार से ये जानना चाहते हैं कि हमें किस कारण से रोका जा रहा है? उन्होंने अपने संकल्प को दृढ करते हुए नागालैंड की धरती पर गोध्वज को फहराया.

एक सप्ताह में शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री से मांगा जवाब

ADC के अनुरोध शंकराचार्य ने पर नागालैंड मुख्यमंत्री के नाम 10 मिनट का वीडियो सन्देश जारी किया है. जिसमें शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री से कई सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर आप हमें जवाब देंगे, जो भी आपका जवाब होगा उसके आधार पर हम आगे का कार्यक्रम सुनिश्चित करेंगे. अन्यथा दोबारा आएंगे, ऐसी क्या बात है. उन्होंने कहा कि किसी को बलपूर्वक नहीं रोका जा सकता है.

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