महात्मा गांधी ने शारीरिक संबंधों का त्याग कब, क्यों और किस लिए किया था?
गांधी जी ने 1906 में 37 साल की उम्र में ब्रह्मचर्य का संकल्प ले लिया.
हालांकि 18 साल पहले ही वह शादी कर चुके थे और उनके चार बेटे थे.
अपनी ऑटोबायोग्राफी में ब्रह्मचर्य के बारे में विस्तार से बताया है.
हिंदू धर्म में 'ब्रह्मचर्य' जीवन के चार चरणों में से एक है
असल में वह 18 साल पहले ही शादी कर चुके थे और उनके चार बेटे थे.
फिर भी दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए, अपने पहले सत्याग्रह व्रत से ठीक पहले उन्होंने ब्रह्मचारी बनने का व्रत लिया.
गांधीजी के ब्रह्मचर्य व्रत का अर्थ था शारीरिक संबंधों से पूरी तरह से परहेज करना.
उन्होंने इस व्रत को अपने जीवन के अंतिम समय तक पालन किया.
गांधीजी ने कहा कि 1901 से ही वे आत्म-नियंत्रण का अभ्यास कर रहे थे.
लेकिन 1906 में व्रत लेने के बाद उन्हें जो आजादी और आनंद मिला, वह पहले कभी नहीं मिला था.
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