लखनऊ. उत्तर प्रदेश की जेलों में अब तिहाड़ जेल की तर्ज पर सभी कैदियों को उनके नाम के पहले अक्षर के अनुसार बैरकों में रखा जाएगा. यह निर्णय डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री के आदेश पर लिया गया है और इसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. इस नई व्यवस्था का उद्देश्य जेलों में होने वाले भ्रष्टाचार को रोकना है, जो अक्सर बैरक आवंटन के दौरान देखने को मिलता था.
नए दिशा-निर्देशों के तहत बंदियों को उनके नाम के पहले अक्षर के आधार पर बैरक बांटे जाएंगे. यदि किसी अक्षर के अंतर्गत कैदियों की संख्या अधिक है, तो उन्हें अतिरिक्त बैरकों में भी रखा जाएगा. हालांकि, महिला कैदियों, 18 से 21 वर्ष के कैदियों और काम करने वाले कैदियों को इस व्यवस्था से छूट मिलेगी. इसके अलावा एक ही गैंग या विरोधी गैंग के कैदियों को एक साथ नहीं रखा जाएगा.
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जेल डीजी पीवी रामाशास्त्री ने बताया कि इस व्यवस्था का उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना और किसी भी प्रकार की गलत प्रैक्टिस या भ्रष्टाचार को समाप्त करना है. जेल अधीक्षक को अपने स्तर पर निर्णय लेने की अनुमति दी गई है, लेकिन निर्णय न्यायसंगत होना आवश्यक है.
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