Shardiya Navratri 2024: : शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है. देवी शैलपुत्री पूर्व जन्म में प्रजापति दक्ष की पुत्री माँ सती थीं. कथा के अनुसार, राजा दक्ष ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया था, परंतु अपने दामाद भगवान शिव को निमंत्रण नहीं भेजा. माँ सती अपने पति भगवान शंकर की अनुमति के बिना अपने पिता के यहां पहुंच गईं. वहां उन्होंने देखा कि यज्ञ में अपने पति भगवान शिव का कोई सम्मान नहीं किया गया और उनका आसन भी नहीं रखा गया था. इस अपमान से क्रोधित माँ सती ने यज्ञ अग्नि में स्वयं को समर्पित कर दिया. (Navratri KA PAHLA DIN)

माँ सती के इस त्याग के बाद, भगवान शिव की समाधि टूट गई. शिव ने अपने गण वीरभद्र को भेजकर यज्ञ का विध्वंस करवा दिया और माँ सती के शरीर को लेकर चल पड़े. जहां-जहां माँ सती के अंग गिरे, वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई, जो आज भी शक्तिस्थल के रूप में पूजे जाते हैं. माँ सती ने अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री माँ पार्वती के रूप में जन्म लिया और कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव को पुनः पति रूप में प्राप्त किया. पर्वतराज की पुत्री होने के कारण उनका नाम शैलपुत्री पड़ा.

नवरात्र के पहले दिन भक्तजन घटस्थापना करते हैं और अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित कर मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं. देवी के प्रथम रूप का ध्यान और पूजन करने से भक्तों को विशेष रूप से शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन मां शैलपुत्री की उपासना से मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने का अवसर मिलता है, जिससे जीवन में मंगलकारी परिणाम मिलते हैं. भक्तजन इस दिन मां के इस रूप की आराधना करते हुए जाप करते हैं, जिससे उन्हें देवी की कृपा प्राप्त होती है.

• या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
• वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌। वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌।।
• वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

मां शैलपुत्री का प्रिय भोग:

नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन देवी को सफेद रंग की वस्तुओं का भोग अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है. यदि आप इस नवरात्र में माता शैलपुत्री की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें सफेद बर्फी, दूध से बनी शुद्ध मिठाइयां, हलवा, रबड़ी या मावे के लड्डू का भोग अर्पित करें.

ऐसा करने से आपके जीवन के सभी दुखों का अंत होगा और आपके घर में अन्न-धन की कभी कमी नहीं होगी. इसके साथ ही, घर में बरकत आने की भी संभावना है. इस नवरात्र में देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए ये भोग अर्पित करना विशेष रूप से फलदायी रहेगा.

इस प्रकार, नवरात्र का प्रथम दिन देवी के इस अद्वितीय और पवित्र स्वरूप को समर्पित है, जो श्रद्धालुओं को दिव्यता और ऊर्जा प्रदान करता है. (Navratri KA PAHLA DIN)