रायपुर. झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले रघुवर दास की सक्रिय राजनीति में वापसी की संभावना है. चुनाव से ठीक पहले भाजपा एक नई रणनीति पर काम कर रही है, जिसमें ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. उनकी प्रदेश भाजपा में वापसी से संगठन को मजबूती मिलेगी. फिलहाल रघुवर दास दिल्ली में हैं, और सूत्रों के अनुसार, उनकी झारखंड की राजनीति में जल्द वापसी हो सकती है.

 रघुवर दास झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और भाजपा की केंद्रीय कमेटी में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है. हालांकि, उन्हें ओडिशा का राज्यपाल बना दिया गया था, लेकिन अब झारखंड में उनकी वापसी की चर्चाएं तेज हो रही हैं. सोशल मीडिया पर भी उनके समर्थक उनकी वापसी का दबाव बना रहे हैं. भाजपा के प्रत्याशियों के चयन को लेकर हुई चर्चाओं में भी उनका नाम सामने आया है.

रघुवर दास फिलहाल दिल्ली दौरे पर हैं और सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने वहां अमित शाह से मुलाकात की है. इससे पहले झारखंड भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी हिमंता से भी उनकी मुलाकात हो चुकी है, जिससे उनकी वापसी की अटकलें और तेज हो गई हैं. आने वाले एक हफ्ते में स्थिति और स्पष्ट होने की संभावना है.

रघुवर दास के सामने सरयू राय की चुनौती

जमशेदपुर पूर्वी से विधायक सरयू राय अब जेडीयू के साथ हैं, और यह सीट जेडीयू की सिटिंग सीट हो गई है. चूंकि जेडीयू एनडीए का हिस्सा है, इस सीट पर सरयू राय की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है. हालांकि, रघुवर दास भी इस सीट को लेकर अड़े हुए हैं, जिससे भाजपा के सामने चुनौती खड़ी हो गई है. इस विवाद को सुलझाने के लिए तीनों नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है. संभावना है कि सरयू राय को जमशेदपुर पश्चिमी सीट का ऑफर दिया जा सकता है.

चुनावी तैयारियां तेज

झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा अक्टूबर में होने की संभावना है. केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम ने हाल ही में झारखंड का दौरा कर चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप दिया है. माना जा रहा है कि भाजपा और जेडीयू के बीच सीटों के बंटवारे का निर्णय तीनों नेताओं की मौजूदगी में लिया जाएगा, खासकर जमशेदपुर पूर्वी सीट पर पेच फंसने के कारण सरयू राय की उपस्थिति महत्वपूर्ण है.