नई दिल्ली– आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्ग के लोगों को शिक्षा और रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण से जुड़ा 124वां संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा में पास हो गया. बुधवार रात को राज्यसभा में विपक्ष सहित लगभग सभी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया. इस बिल के समर्थन में उच्च सदन में हुई वोटिंग में 165 सांसदों ने समर्थन दिया और 7 इस बिल के विरोध में वोट किया.
बता दें कि इससे पहले कनिमोझी ने बिल को सलेक्ट कमेटी में भेजने में का प्रस्ताव रखा था. इस पर हुई वोटिंग में 18 पक्ष में और 155 वोट खिलाफ में पड़े. भारी समर्थन के बाद बिल को सलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग खारिज हो गई.
इससे पहले मंगलवार को 124वें संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा में बहुमत के साथ पारित हुआ था. सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि इस विधेयक को राज्यों की मंजूरी लेने की कोई जरूरत नहीं है. ऐसे में इस विधेयक को मंजूरी के लिए अब सीधे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.
लोक-कल्याण का निरंतर प्रयास है,
जन-जन का साफ नीयत में विश्वास है,
चरितार्थ होता 'सबका साथ-सबका विकास' है।आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने वाले विधेयक के राज्य सभा में पास होने पर प्रधानमंत्री मोदी जी को हार्दिक बधाई और इसका समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार।
— Amit Shah (@AmitShah) January 9, 2019
आम आदमी पार्टी सहित कुछ विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लोकसभा चुनाव से पहले लाए जाने को लेकर सरकार की मंशा तथा इस विधेयक की न्यायिक समीक्षा में टिक पाने को लेकर आशंका जताई. वहीं सरकार ने दावा किया कि कानून बनने के बाद यह न्यायिक समीक्षा की अग्निपरीक्षा में भी खरा उतरेगा क्योंकि इसे संविधान संशोधन के जरिए लाया गया है.