इस्लामाबाद. पाकिस्तान एक तरफ तो भारत से रिश्ते सुधारने की बात करता है। लेकिन कश्मीर को अशांत रखने की वो पुरजोर कोशिश भी करता है। पाकिस्तान को भारतीय कार्यक्रमों से भी परेशानी है। पाकिस्तान की शीर्ष अदालत को लगता है कि भारतीय सीरियल्स के कंटेंट की वजह से पाकिस्तान की संस्कृति खतरे में हैं। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शाकिब निसार की कम से कम यही सोच है।
शाकिब निसार ने कहा कि शीर्ष अदालत भारतीय कार्यक्रमों को पाकिस्तान में दिखाने की इजाजत नहीं देगी। दरअसल पाकिस्तान इलेक्ट्रानिर मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। हाइकोर्ट ने भी भारतीय कार्यक्रमों को पाकिस्तान के लिए खतरा माना था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विदेशी कंटेंट पाकिस्तान के संदर्भ में नहीं होते हैं। पाकिस्तान की संस्कृति को भी सही तरीके से पेश नहीं किया जाता है।
पेम्रा के वकील जफर इकबाल कालानौरी ने तीन सदस्यों वाली पीठ के सामने कहा था कि हाईकोर्ट के ऑर्डर से पहले ही विदेशी कंटेंट को बैन किया जा चुका था। पेम्रा के चेयरमैन सलीम बेग ने अदालत को बताया था कि फिल्मजिया चैनल पर दिखाये जाने वाले कार्यक्रमों में 65 फीसद कंटेंट विदेशी और कभी कभी तो ये विदेशी कंटेंट 80 फीसद तक हो जाता है। पेम्रा का कहना है कि विदेशी कंटेंट पर लगातार निगरानी रखी जाती है और यदि कहीं भी कुछ गड़बड़ नजर आता है को उसके मद्देनजर कदम उठाये जाते हैं।