चंकी बाजपेयी, इंदौर। तमिलनाडु के एनआईटी त्रिची कॉलेज में पढ़ने गई मध्य प्रदेश के इंदौर की 21 वर्षीय ओजस्वी गुप्ता लापता हो गई। पिछले 15 दिनों से उसका कोई पता नहीं चला है। बच्ची के अचानक गायब होने से परिजन काफी परेशान है। गायब होने से पहले छात्रा ने 4 पन्नों का एक लेटर भी छोड़ा है, जिसमें उसने मेंटल प्रेशर का जिक्र किया है। बच्ची के परिजन इंदौर पुलिस कमिश्नर के पास पहुंचे और उसे ढूढ़ने की गुहार लगाते हुए लिखित आवेदन दिया। 

NIT कॉलेज से गायब छात्रा का नहीं मिला सुराग, पीसीसी चीफ ने सरकार पर बोला हमला, X पर लिखा- बेटी के माता-पिता गहरी चिंता में, कोई ठोस कदम नहीं उठाया 

लापता छात्रा के परिजनों के मुताबिक उनकी 14 सितंबर की रात को आखिरी बार ओजस्वी से बात हुई थी। इसके बाद से लगातार उसका फोन बढ़ बता रहा है। 15 दिन बीतने के बाद भी बच्ची का पुलिस को कोई सुराग नहीं लग सका है। परिजनों ने सीएम से भी मदद की गुहार लगाई है। इधर इंदौर पुलिस भी उसकी तलाश के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

छात्रा ने पत्र में लिखी यह बात  

गायब होने से पहले ओजस्वी ने एक लेटर भी लिखा है, जिसमें क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनने के बाद से ही उसे कुछ लड़कों के द्वारा परेशान करने का जिक्र किया है। पत्र में छात्रा ने अपने माता-पिता और भाई से माफी मांगी मांगते हुए लिखा कि आपने मुझे खूब बढ़िया पढ़ाया लिखाया, लेकिन आप मुझे मानसिक तौर पर इतना मजबूत करने में फेल हो गए, कि मैं इस मानसिक प्रताड़ना को झेल पाती।  

पत्र में छात्रा ने निजी सलाह भी दी कि लोगों के लिए इतना भी मत करो कि वे खुद को खो दे, क्योंकि आखिर में ये वो ही लोग होते है, जो आप पर उंगली उठाते है। पत्र में यह लिखा कि लड़कियों के लिए यह जमाना ठीक नहीं है। आखिर में लिखा बाय-बाय इसे बहुत अधिक हाइप मत बनाना, मेरा मेंटल प्रेशर था, सहन नही कर पाई, मेरी गलती है, इसके लिए किसी को ब्लेम नही करूंगी। तुम सब अच्छे से पढ़ाई करना, अच्छा पैकेज लेकर जाना, हां जिसे क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनना है, बना लो यार।

क्लास रिप्रेजेंटेटिव थी ओजस्वी

ओजस्वी गुप्ता ग्रेजुएशन के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए कड़ी मेहनत कर अपने सपनों के कॉलेज त्रिचि के एनआईटी में एडमिशन लिया था। यहां उसकी काबिलियत को देखकर इंटरव्यू लेकर उसे क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनाया गया था। लेकिन ये बात उसकी क्लास के लड़कों को नहीं जम रही थी और वह लगातार उसे परेशान कर रहे थे। 15 सितंबर को उसकी गुमशुदगी दर्ज होने के बाद 16 सितंबर को उसकी मां और भाई पलाश गुप्ता त्रिचि पहुंच गए थे। कई दिन वहां उसकी तलाश करने के बाद दोनों वापस खाली हाथ इंदौर लौट आए हैं।  

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