कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। Gwalior Railway Station: मध्य प्रदेश के ग्वालियर रेलवे स्टेशन के नाम को लेकर जमकर सियासत देखने मिल रही है। भाजपा-कांग्रेस के साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक भी इस नामकरण की सियासत में कूद आए हैं।

दरअसल, ग्वालियर से भाजपा सांसद भारत सिंह कुशवाह ने हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से दिल्ली में मुलाकात की है। उन्होंने मुलाकात के जरिए ग्वालियर रेलवे स्टेशन का नाम सपूत भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर किए जाने की मांग की है। वहीं, BJP सांसद की इस मांग की जानकारी के बाद कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिंधिया रियासत के तत्कालीन महाराज माधवराव सिंधिया के नाम पर किए जाने की मांग उठने लगी है। 

हैरान करने वाली बात यह है कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच छिड़ी नामकरण की सियासत के बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक भी कूंद आए हैं जिसके बाद भाजपा दो घुट में बटती हुई नजर आ रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थको ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन का नाम स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के नाम पर किए जाने की मांग की है।

नामकरण की  सियासत 

नामकरण की सियासत के बीच यदि इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो देश में जब रेलवे का उदय हो रहा था। तब तत्कालीन सिंधिया स्टेट के महाराजा जयाजीराव सिंधिया ने 1878 में ग्वालियर रेलवे स्टेशन का निर्माण करवाया था। ऐसे में सिंधिया राजपरिवार का ग्वालियर रेलवे स्टेशन से पुराना नाता है। लेकिन वर्तमान में लगभग 500 करोड़ की लागत से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पुनरुत्थान और सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। इस बीच ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह ने इस रेलवे स्टेशन का नाम भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर किए जाने की मांग करके रेलवे स्टेशन के नामकरण की सियासी बहस छेड़ दी है। ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह ने बाकायदा इस मुद्दे पर दिल्ली में जाकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र देकर ग्वालियर रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग की है।

विकास पुरुष के नाम पर हो स्टेशन

BJP कोई मुद्दा उठाए तो भला विपक्षी कांग्रेस कैसे शांत बैठ सकती है। यही वजह है कि कांग्रेस ने रेलवे स्टेशन के नामकरण की सियासत में एंट्री कर ग्वालियर रेलवे स्टेशन का नाम स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के नाम पर करने की पैरवी की है। शहर जिला कांग्रेस कमेटी देवेंद्र शर्मा का कहना है कि माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर में रेलवे लाइन बिछाने के साथ स्टेशन निर्माण और शहर विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यही वजह है कि अगर ग्वालियर रेलवे स्टेशन का नाम बदल जाता है तो ऐसे विकास पुरुष के नाम पर ही इस स्टेशन का नाम होना चाहिए।

पूर्व विधायक ने माधवराव सिंधिया के नाम पर स्टेशन करने की मांग की

सियासी खींचतान हमेशा पक्ष और विपक्ष के बीच देखने मिलती रही है। लेकिन ग्वालियर रेलवे स्टेशन के इस नामकरण की सियासत में एक हैरान करने वाली बात सामने आई है कि स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के बेटे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उसके बावजूद सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल बीजेपी सांसद की मांग के विपरीत स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के नाम पर ही ग्वालियर रेलवे स्टेशन के नामकरण की बात कर रहे हैं। जिसके चलते नामकरण की इस सियासी खींचतान ने एक तीसरी सियासी हवा को भी आगे ला दिया है।

कुल मिलाकर ग्वालियर रेलवे स्टेशन के नामकरण के बहाने ग्वालियर में जमकर सियासत देखने को मिल रही है। इस मुद्दे पर जहां एक तरफ बीजेपी सांसद भारत सिंह कुशवाह और सिंधिया समर्थक आमने-सामने आ गए हैं। तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी यह चाहती है कि ग्वालियर रेलवे स्टेशन का नाम भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जगह स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के नाम पर ही होना चाहिए। 

बहरहाल नामकरण पर मचा घमासान कब शांत होगा, यह किसी को नहीं पता है। हालांकि अभी तक ग्वालियर रेलवे स्टेशन को ग्वालियर के नाम से ही जाना जाता है। ऐसे में भारत सिंह कुशवाह ने रेलवे स्टेशन का नाम अटल बिहारी वाजपेई के नाम किए जाने की मांग रखकर एक नई सियासी नामकरण की बहस को हवा दे दी है।

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