वाराणसी. धर्म नगरी काशी में साईं बाबा को लेकर बवाल शुरू हो गया है. वाराणसी के मंदिरों में लगे साईं बाबा की मूर्तियों को तेजी से हटाने की बात कही जा रही है. साईं बाबा की मूर्ति को हटाने और सभी मंदिरों से साईं बाबा के मूर्ति को हटाने की अपील करते हुए लोगो का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसकी शुरुआत काशी के बड़ा गणेश मंदिर में स्थापित साईं बाबा की मूर्ति को हटाने से किया गया और देखते ही देखते काशी के दर्जनों मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति हटाने की खबरे सामने आने लगी है.

बताया जा रहा है कि वाराणसी में ब्राह्मण महासभा के लोगों ने साईं बाबा की मूर्ति को मंदिरों से हटा रहे हैं. ब्राह्मण सभा का अध्यक्ष होने का दावा करने वाले अजय शर्मा ने कहा कि सनातन धर्म में प्रेत आत्माओं की पूजा मंदिरों में मान्य नहीं है. लोहटिया क्षेत्र में बड़ा गणेश मंदिर में जो साई की मूर्ति थी वह एक प्रेत मूर्ति थी, जिसे हटाकर गंगा में विसर्जित कर दिया गया है. साईं की मूर्ति के स्थान पर लक्ष्मी जी की मूर्ति जल्द बैठाई जाएगी. वहीं साईं भक्तों के आहत होने पर अजय शर्मा ने कहा कि जिन्हें साईं में भक्ति है, वह अपने घरों में साईं की पूजा करें इससे उन्हें कोई नहीं रोकेगा. मंदिर में साईं की मूर्ति स्थापित कर पूजा करने का विरोध पहले भी हुआ और हमेशा होता रहेगा. वहीं दूसरी बड़ा गणेश मंदिर के महंत ने भी साईं बाबा की मूर्ति को हटाने का समर्थन किया.

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काशी के मंदिरों से साई बाबा की मूर्ति हटाए जाने को लेकर समाजवादी पार्टी ने इसे काशी के माहौल को खराबा करने कि कोशिश बताया है. समाजवादी पार्टी एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि बनारस सभी धर्मों की आस्था का केंद्र है और अब मूर्ति को हटाने की बाते सामने आ रही है. इससे पहले साईं बाबा की पूजा मंदिर में होती रही है तो इसे अभी हटाने का क्या मतलब है. जो लोग ऐसा काम कर रहे है वह काशी का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.

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