प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा नेता इरफान सोलंकी को बड़ी राहत दी है। HC ने सोलंकी की जमानत मंजूर कर ली है। साल 2022 में कानपुर नगर के मूलगंज थाने में इरफान सोलंकी पर मुकदमा दर्ज हुआ था। आइए जानते है आखिर पूरा मामला क्या है…

बांग्लादेशी नागरिकों को शरण दिलाने के मामले में सपा नेता इरफान सोलंकी पर मामला दर्ज किया गया था। इरफान पर बांग्लादेशी नागरिक को गलत तरीके से भारत में रुकने के लिए फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र आदि बनवाने में सहयोग करने का आरोप है।

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मंगलवार को जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने सुनवाई की। इस मामले में अभियुक्त इरफान सोलंकी, पार्षद मन्नू रहमान और बांग्लादेशी नागरिक रिजवान ने जमानत याचिका हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी।इन सभी पर आरोप है कि बांग्लादेशी नागरिक रिजवान ने कानपुर की हिना से शादी की और उसे अपने साथ बांग्लादेश ले गया।

इसके बाद हिना ने बांग्लादेश की नागरिकता ले ली। उनके तीन बच्चे भी हुए। साल 2016 में रिजवान और हिना अपने बच्चों को लेकर कानपुर ले गए। जहां पर पार्षद मन्नू रहमान और विधायक इरफान सोलंकी के सहयोग से फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए गए और उसके आधार पर बच्चों का कानपुर के स्कूलों में दाखिला करवाया गया।

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इस पूरे मामले में शुरुआत में रिजवान हिना और तीनों बच्चों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान यह सामने आया कि इरफान सोलंकी और मन्नू रहमान ने फर्जी दस्तावेज तैयार करने में सहयोग किया था। विवेचक ने उनके नाम भी शामिल करते हुए सभी अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। मामले में हिना की जमानत पहले हो चुकी है। आरोपियों की ओर से तर्क दिया गया कि सह अभियुक्त की जमानत हो चुकी है। अन्य अभियुक्तों के खिलाफ कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं है। हाईकोर्ट ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों को देखते हुए तीनों अभियुक्तों की सर्शत जमानत मंजूर कर ली।