सुजान सिंह, हर्रई (छिंदवाड़ा)। मध्य प्रदेश के हर्रई में किसानों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने शक्कर परियोजना को तहत हो रहे निर्माण कार्य को रोकने के लिए तहसील कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया. जिसे गोगपा का भी समर्थन मिला.

बता दें कि कुकरेपानी, उमरी खुर्द और सियाझिरी सहित 10 ग्रामों के अन्नदाताओं ने तहसील कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया. किसानों ने बताया कि हर्रई विकासखंड के करीब 10 ग्राम डूब क्षेत्र में आ रहे हैं. जिसमें शक्कर परियोजना में किसानों की करीब 2 हजार एकड़ जमीन जा रही है. किसानों ने बांध निर्माण निरस्त करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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इस मामले में गोगपा नेता का कहना है कि डूब क्षेत्र आ रहे गांवों को लोगों ने ग्राम सभा बुलाई थी. दो दिन पहले सभा को लेकर प्रशासन को सूचित किया गया था. ग्राम सभा के दौरान तहलीदार और एसडीएम ने कहा कि गलत जगह और गलत तरीके से ग्राम सभा की जा रही है. जगह और तरीका पूछने के बाद भी अधिकारियों ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया. इससे पेसा कानून के अध्यक्ष के नाराज हैं.

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वहीं, SDM हेमकरन धुर्वे ने बताया कि पेसा एक्ट की बैठक जो गांव प्रभावित हैं. उस गांव में ही पेशा एक्ट की बैठक होगी. उसमें 50% मतदाताओं की मौजूदगी अनिवार्य है. लेकिन उन्होंने प्रस्ताव नहीं दिया. कल जनसुनवाई में किसानों से चर्चा की जाएगी कि क्षेत्र के लिए यह बड़ी परियोजना है. जिसके तहत 3500 एकड़ जमीन सिंचित होगी.

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