रणधीर परमार, छतरपुर। बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के ‘हवस के पुजारी ही क्यों मौलवी क्यों नहीं…’ वाले बयान पर बवाल मच गया है। मौलानाओं को लेकर कही गई इस बात के बाद धर्मगुरुओं में नाराजगी है। इसी मामले पर आज उन्होंने एक और बड़ा बयान देते हुए मौलवी को नालायक बताया। उन्होंने कहा कि पुजारी पद हमारे सनातन धर्म में काफी बड़ा होता है। हवस का पुजारी कहकर ब्रेनवाश किया जा रहा है। और अगर इससे किसी को बुरा लगा है तो लगना भी चाहिए। 

सभी पुजारी गलत नहीं, फिर क्यों कर रहे टारगेट

दरअसल, बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अपने पुराने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मैनें यह किसी मजहब के लिए नहीं कहा था। ‘हवस का पुजारी क्यो बोला जाता है? हवस का मौलवी क्यों नहीं…’ इस बयान पर किसी मौलवी के आपत्ति उठाए जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि यह नालायक है, इनको कोई ज्ञान नहीं है। सभी पुजारी गलत नहीं होते, फिर सभी को क्यों टारगेट किया जाता है। 

नेता ने कहा- साधू-संत गांजा फूंकते हैं

उन्होंने आगे कहा कि किसी अंसारी नेता ने कहा कि साधू-संत तो गांजा फूंकते हैं। यह बेफ़िजूली की बात है। सब महात्मा गांजा नहीं फूंकते। ऐसे में तो अंसारी आतंकवादी होते हैं, लेकिन सब नहीं होते।  सब पर आप टारगेट नहीं कर सकते हैं। पुजारी कुछ गलत हो सकते हैं लेकिन सब नहीं होते। मैं किसी मजहब के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन अगर फिर भी किसी को बुरा लगे तो लगना चाहिए।

भारत को जोड़ने वालों का विरोध करते हैं

वही, उन्होने आतंकवादी संगठनो पर इजरायल की कारवाई पर कहा कि यही तो गलत है। हम जोड़ने वालों की बात करते हैं तो वह तोड़ने की बात करते हैं। भारत को जोड़ने वालों का विरोध करते हैं, इसी में तो भारत पीछे है। 

9 दिन दुर्गा-दुर्गा, 10वे दिन मुर्गा-मुर्गा  

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने नवरात्रि को लेकर कहा कि जब तक हम यह प्रण नहीं लेते कि बहू-बेटियों के ऊपर उठने वाली उंगली को तोड़ नहीं देते, तब तक देवी आराधना का कोई औचित्य नहीं है। हम भी माता की पूजा करेंगे, लेकिन उनका विरोध है जो 9 दिन दुर्गा-दुर्गा करते हैं और 10वे दिन मुर्गा-मुर्गा करते हैं। महालक्ष्मी के 30 टुकड़े हुए। इसके लिए अब हिंदुओं को संकल्प लेना होगा।

धीरेंद्र शास्त्री ने लगाई झाड़ू

छतरपुर मे  सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के पावन अवसर पर सिद्ध क्षेत्र बागेश्वर धाम में स्वच्छता अभियान चलाया गया। अभियान के तहत समूचे क्षेत्र में सफाई करते हुए लोगों को संदेश दिया गया कि वे स्वच्छता के साथ रहेंगे तो बीमार नहीं होंगे। रोगों से दूर रहने का यही उपाय है कि वे अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें। दुकानदारों को भी दुकानों के आगे डस्टबिन रखने के निर्देश दिए गए। पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हाथों में झाडू लेकर स्वच्छता अभियान की शुरूआत की। यहां आए हजारों लोगों ने भी इस अभियान में अपना योगदान दिया।

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