Supreme Court On Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर केंद्र सरकार (Central government) के पैनल कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) और पंजाब सरकार (Punjab Government) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने पूछा कि पराली जलाने की 129 घटनाओं में एक पर भी कर्रवाई क्यों नहीं हुई? कोर्ट ने इस मामले में पंजाब-हरियाणा को एक सप्ताह के अंदर हलफनामा दाखिल करने को कहा है कि गठित आयोग (CAQM) के निर्देशों को क्यों नहीं लागू किया गया। 16 अक्टूबर को मामले पर अगली सुनवाई की जाएगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “29 अगस्त को CAQM (एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन) की बैठक हुई. इसमें पराली जलाने पर कोई चर्चा नहीं हुई. 3 साल पहले आदेश दिया गया था कि प्रदूषण करने वालों पर मुकदमा चले. आप आज तक उनके प्रति नर्म हैं. ऐसा क्यों?”

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इस पर एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सख्ती इसलिए नहीं की, क्योंकि प्रदूषण में लगातार गिरावट आ रही है। इसके बाद जज ने पूछा, “आप इतने गंभीर हैं कि साल में 3-4 बार बैठक करते हैं। सिर्फ लक्ष्य बता रहे हैं, परिणाम नहीं मिल रहे। इस साल पराली जलाने की 129 घटनाएं रिपोर्ट हुईं। आपने एक के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की।

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सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछे प्रश्न

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील से पूछा, “आपके यहां इस साल 129 घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं। आपने कोई कार्रवाई नहीं की। आपकी राजनीतिक मजबूरियां हो सकती हैं, लेकिन कोई कार्रवाई न करना निराशाजनक है। आप यह भी सुनिश्चित नहीं कर पा रहे कि किसान मशीनों का इस्तेमाल करें।

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कोर्ट ने कहा पंजाब अपने उन प्रस्ताव के बारे में बताए, जो कोष के लिए भेजा गया। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में दर्ज किया कि राज्यों ने जो कुछ किया है वह किसानों से नाममात्र का मुआवजा वसूलना है। प्रथम दृष्टया आयोग स्वयं प्रवर्तन और सुरक्षा के संबंध में अपने निर्देशों को लागू करने पर अनुवर्ती कार्रवाई के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है। जाहिर तौर पर अपने ही आदेशों के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. इसलिए हम पंजाब और हरियाणा को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) निर्देशों के अनुपालन के लिए निर्देशित करते हैं। एक सप्ताह के भीतर वह हलफनामा दाखिल करे।

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शार्ष अदालत ने आगे कहा कि यदि वायु प्रदूषण विशेषज्ञ सीएक्यूएम समितियों के सदस्य नहीं हैं, तो हम अनुच्छेद 142 के तहत अपने शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं। केंद्र और सीएक्यूएम को भी आज से एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करना होगा। आयोग अपने निर्देशों को लागू करने को सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएगा।

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