रायपुर- सीबीआई को राज्य में छापा मारने एवं जांच करने के लिए दी गई रजामंदी वापस लिए जाने के फैसले के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि- पिछले कुछ महीनों में केंद्र की एनडीए सरकार ने सीबीआई की विश्वसनीयता को संकट में डाल दिया है. इसलिए अब यह ठीक नहीं लगता कि सीबीआई को हम अपने राज्य में मनमर्ज़ी की कार्रवाई करने की छूट दें.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने www.lalluram.com से हुई खास बातचीत में कहा कि- हम एक संघीय ढांचे में काम करते हैं और सीबीआई को जिस तरह से राज्य में आकर काम करने की छूट दी गई थी उससे कानून व्यवस्था पर राज्य के अधिकारों का हनन हो रहा था.
भूपेश बघेल ने कहा कि- इस आदेश से सीबीआई का प्रदेश में आना प्रतिबंधित नहीं हुआ है लेकिन अब किसी भी कार्रवाई से पहले एजेंसी को राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी.
बता दें कि राज्य शासन के गृह विभाग ने केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को पत्र भेजकर दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम 1946 की धारा छह के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए छत्तीसगढ़ में इस कानून के इस्तेमाल के लिए दी गई रजामंदी वापस लेने की जानकारी भेजी है. राज्य सरकार के इस अहम फैसले के बाद सीबीआई अब किसी भी तरह के मामलों में बगैर अनुमति कार्रवाई नहीं कर सकती. सीबीआई के पास राज्य में कार्रवाई करने के लिए अब किसी तरह का विशेष अधिकार नहीं होगा.
दरअसल सीबीआई केंद्र सरकार की जांच एजेंसी है. इसकी स्थापना दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेब्लिशमेंट एक्ट-1946 के तहत की गई है. राज्यों ने एक विशेष अनुबंध के तहत सीबीआई को अपने अधिकार क्षेत्र में कार्रवाई करने की अनुमति दी हुई है. डीएसपीई एक्ट 1946 के सेक्शन 6 के तहत सीबीआई को दूसरे राज्य में कार्रवाई करने के लिए राज्य की लिखित अनुमति होती है. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस सामान्य रजामंदी वापस ले ली है.