पुष्पेंद्र सिंह, दंतेवाड़ा. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शुक्रवार को दंतेवाड़ा प्रवास पर थे. यहां उन्होंने मां दंतेश्वरी के दर्शन किए. इसके बाद तमाम नवीन कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया. इस कार्यक्रम के समापन के बाद सस्पेंड पटवारी किशोर दीवान का हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. उन्होंने पहले सीएम को एक आवेदन दिया. इसके बाद मीडिया के सामने रोने लगा.

सस्पेंड पटवारी दीवान ने रोते हुए कहा कि अधिकारियों की कितनी बेगारी करें? इस बेगारी को करने से मना किया तो उसका हड़ताल अवधि में तीन बार ट्रांसफर किया गया. इसी बात को लेकर वह एसडीएम जयंत नहाटा से मिलने गया तो उसे गार्ड ने पीटा और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई. इतना ही नहीं जब उसने एसडीएम जयंत नहाटा के खिलाफ आवेदन थाने में किया तो एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई. आखिर हम जैसे छोटे कर्मचारियों की भी तो कोई सुने. उसके ऊपर चल रही विभागीय जांच की भी जानकारी नहीं दी जा रही है. तीन-तीन बार सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांग चुका हूं. आखिर ये अधिकारी पीट रहा है और जांच भी करवा रहा है. इतना ही नहीं सस्पेंड भी कर रहा है. जब इस अधिकरी के खिलाफ मामला दर्ज करवाने जाते हैं तो पुलिस भी एफआईआर दर्ज नहीं करती है. पटवारी के ड्रामा मामले में प्रशासनिक अधिकारियों का पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका पक्ष नहीं आ सका.

जानिए क्या हुआ था तीन माह पहले

तीन माह पहले पटवारियों की हड़ताल चल रही थी. इसी दौरान पटवारी किशोर दीवान का ट्रांसफर कटेकल्याण किया गया. इससे पहले भी दो बार ट्रांसफर जिला प्रशासन द्वारा किए जाने की बात वह कह रहा है. इन्ही विषयों को लेकर किशोर दीवान एसडीएम जयंत नहाटा के पास गया था. उस दौरान चैंबर में विवाद हुआ था किसी ने आखों से नहीं देखा था. इस विवाद के बाद एसडीएम के गार्ड ने आवेदन दिया और पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. एक आवेदन पटवारी किशोर दीवान ने एसडीएम के खिलाफ लेकर गया, इस आवेदन पर मामला दर्ज नहीं हुआ. इसी दर्द को उसने मीडिया के सामने बयां किया है.

जिला प्रशासन ने 11 जुलाई को यह तर्क रखा

जिला प्रशासन ने हल्का नंबर-04 भैरमबंद में पदस्थ पटवारी किशोर दीवान को कार्यों में अनियमितता और ग्रामीणों द्वारा शिकायत सही पाए जाने पर भैरमबंद से हटाकर तहसील कार्यालय कटेकल्याण कर दिया था. पटवारी के विरुद्ध 18 सर्व मूल बस्तरिया समाज कल्याण संघ दन्तेवाड़ा सहित एवं ग्रामीणों से बिंदुवार शिकायत प्राप्त हुई थी. आय, जाति, निवास एवं भूमि संबंधी कार्यों के लिए पैसों की मांग करना, जमीन दलाली के कार्यों में लिप्त रहना, मंदिर एवं धार्मिक कार्यों में बेवजह हस्तक्षेप करना, मूल बस्तरिया समाज का व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर लोगों को भड़काने का काम करना, इन शिकायतों पर तहसीलदार दंतेवाड़ा की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया था. जांच समिति ने 24 जून 2024 को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. जांच प्रतिवेदन के अनुसार सरपंच पंचायत बालपेट, उप सरपंच, सर्व मूल बस्तरिया समाज के उपाध्यक्ष, सह सचिव, पंचायत टेकनार के सरपंच, उपसरपंच इसी प्रकार ग्राम कतियाररास के ग्रामीणों ने बताया कि किशोर दीवान हल्का पटवारी का व्यवहार लोगों के प्रति अच्छा नहीं है. वे शासकीय कार्यों के बदले पैसे के लेनदेन की बात भी उनके द्वारा कही गई है. ग्राम कतियाररास में भी अभिलेख में नाम अंकित किए जाने के लिए ढाई लाख रुपए की मांग की गई. जांच समिति ने भी पटवारी के विरुद्ध जांच रिपोर्ट में भी कार्यों के प्रति लापरवाही होने की बात कही. पटवारी के विरूद्ध पूर्व में भी पदस्थ पटवारी हल्कों में भी इस प्रकार लापरवाही बरतने के प्रमाण पाए गए हैं इसलिए जिला प्रशासन ने 11 जुलाई को ये कड़ी कार्रवाई की थी.

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