महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम ब्लास्ट मामले को 16 साल पूरे हो गए है। लेकिन अब तक मुकदमा चल रहा है। इस मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने मालेगांव धमाके के पीछे सिमी का हाथ बताया है। NIA की विशेष अदालत में यह तर्क देकर उन्होंने सभी को हैरान कर दिया है।

NIA की विशेष अदालत में प्रज्ञा ठाकुर के वकील जेपी मिश्रा ने कहा कि स्थानीय लोगों ने विस्फोट के तुरंत बाद पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने से रोका था। यह बात पुलिस की एफआईआर में लिखी हुई है। इसलिए हो सकता है, धमाका प्रतिबंधित संगठन ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (SIMI) ने कराया हो। असली आरोपियों को बचाने के लिए ऐसा किया गया हो।

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जेपी मिश्रा ने बताया कि जिस शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट के ऑफिस के सामने ब्लास्ट हुआ था, उस इमारत में ही ऊपर सिमी का दफ्तर था। इ मामले को 16 साल पूरे हो गए हैं और विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी की अदालत में आरोपी पक्ष की तरफ से मामले में अंतिम दलीलें रखी जा रही हैं। बचाव पक्ष वर्तमान में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश ए.के. लाहोटी के समक्ष अंतिम दलीलें पेश कर रहा है।

2008 में हुआ था ब्लास्ट

गौरतलब है कि उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास बाइक में हुए विस्फोट से 6 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। मामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (Anti Terrorism Squad, ATS) ने की थी। बाद में इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को स्थानांतरित कर दिया गया था। जांचकर्ताओं ने दावा किया था कि घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर की थी।

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मुकदमे के दौरान अभियोजन ने अभियोजन पक्ष के 323 गवाहों के बयान दर्ज किए, जिनमें से 34 मुकर गए। साल 2019 से 2024 तक मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से बीजेपी सांसद रहीं ठाकुर के अलावा मामले के अन्य आरोपियों में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी औप अजय राहिरकर शामिल हैं।