Shardiya Navratri 2024: हिन्दू धर्म में गुड़हल यानी जासवंत फूल का संबंध देवी दुर्गा से है. माता रानी को यह फूल, इससे बनी माला अर्पित की जाती है. छत्तीसगढ़, बंगाल, असम, झारखंड, ओडिशा और बिहार में दुर्गा पूजा में देवी मां की पूजा और श्रृंगार में इस फूल को विशेष महत्व दिया जाता है. रोजाना मां को इसी फूल से बनी माला चढ़ाई जाती है. यूं तो यह कई रंगों में होते हैं, मगर माता रानी को लाल रंग के गुड़हल फूल चढ़ाए जाते हैं. इस कारण से इसे ‘देवी फूल’ भी कहते हैं.
गुरुवार 3 अक्टूबर, 2024 से नवरात्रि शुरू हो चुकी है. आईए इस आर्टिकल में आज हम गुड़हल के फूल से जुड़े उपायों के बारे में जानते हैं, आखिर क्यों है यह बेहद शक्तिशाली फूल. आईए इसके बारे में और जानते हैं.
रामकृष्ण परमहंस मिली सिद्धियां- हमारे ग्रंथों में गुड़हल के फूल का उल्लेख है.इस फूल को देवी दुर्गा के सौंदर्य और शक्ति का प्रतीक माना गया है. इसे देवी दुर्गा को चढ़ाने से हर मनोकामनाएं पूरी होती है. स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने अपनी साधना में देवी मां को प्रसन्न करने के लिए गुड़हल फूल अर्पित किए थे. उन्हें सिद्धियां मिलीं.
गुड़हल फूल के औषधीय गुण भी हैं
आयुर्वेद में भी इस फूल के महत्व को बताया गया है. गुड़हल की तासीर ठंडी होती है. इससे कई औषधियां (दवाईयां) बनती है. हाई बीपी में गुड़हल फूल से बनी औषधि को बेहद प्रभावकारी मानी जाती है. इससे बने पाउडर स्किन और बालों के लिए फायदेमंद होता है.कई राज्यों में इस फूल का घरेलू नुस्खे में इस्तेमाल होता है.
गुड़हल फूल के उपाय (Shardiya Navratri 2024)
1-दोपहर के समय आधा खिला हुआ गुड़हल का फूल तोड़कर माता रानी को अर्पित करें. इसके बाद वह फूल प्रसाद के तौर पर उस व्यक्ति को खिला दें, जिस पर नकारात्मक ऊर्जा हावी हो. इससे अवश्य लाभ मिलेगा.
2-कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में छुटकारा पाने के लिए नवरात्रि के दिनों में लाल गुड़हल के फूल का पौधा लगाएं. मां दुर्गा को गुड़हल का फूल अर्पित करें. आप इस पौधे को गमले में भी उगा सकते हैं. यह पौधा लगाने से ग्रहों के अशुभ असर भी दूर होते है.
3-सप्तमी, अष्टमी और नवमी को देवी माता की आराधना में गुड़हल फूल को अवश्य शामिल करें. धन संकट दूर करने के लिए माता रानी को तीनों तिथियों को सुबह-शाम 5-5 फूल चढ़ाएं.
4-बिजनेस में सफलता और आर्थिक लाभ के लिए आप हर रोज मां दुर्गा को 5 लाल गुड़हल के साथ 5 पीले गुड़हल फूल अर्पित करें. मिठाई, बताशा, रसगुल्ला का भोग लगाएं. इससे देवी मां अति प्रसन्न होती हैं. अगर, आप नौकरी पेशा हैं तो आप भी यह उपाए कर सकते हैं.
5-नवरात्रि में आप जिस दिन भी कन्या पूजन करते हैं, उस दिन पूरे विधि-विधान से अनुष्ठान पूरा करने के बाद देवी-स्वरूपा कन्याओं को भोज करवाएं. इस दौरान इन्हें गुड़हल पुष्प अर्पित करें. ऐसा करने से आपके बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं.इसके साथ ही घर में सुख और शांति होती है.
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