रायपुर- खबर रायपुर से है जहां 20 दिसम्बर 2018 को मुंबई में शुरू हुई डिग्निटी मार्च महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, पाॅन्डिचैरी, तमिलनाडू और आन्ध्रप्रदेश से गुज़रने के बाद रायपुर पहुंच गई. मार्च का उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ़ होने वाले यौन उत्पीड़न को समाप्त करना है. इस मार्च में बलात्कार एवं यौन उत्पीड़न से उबरे पीड़िता हिस्सा ले रही हैं.
डिग्निटी मार्च के रायपुर पहुंचने पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ और भारत में यौन उत्पीड़न और बलात्कार की स्थिति पर चर्चा हुई. कार्यक्रम के दौरान आशिफ शेख, कन्वेनर, राष्ट्रीय गरिमा अभियान, डिग्निटी मार्च; मंजु गार्दिया, डायरेक्टर, जन जागृति केन्द्र, महासमुंद्र; भवरी देवी, ललिता एवं हिना, बलात्कार एवं यौन उत्पीड़न से उबरी महिलाओं तथा डिग्निटी मार्च के लीडरों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने ऐसे मामलों में रिपोर्ट दर्ज करने और कार्रवाई के महत्व पर रोशनी डाली.
इस अनूठी पहल का परिचय देते हुए आशिफ शेख, कन्वेनर, राष्ट्रीय गरिमा अभियान ने कहा कि ‘‘इस अभियान का उद्देश्य है कि समाज में यौन उत्पीड़न से पीड़ित महिलाओं और बच्चों के बजाए उन लोगों को शर्मसार किया जाए जो अपराधी हैं. ऐसा शर्मनाक अपराध करने वाले अपराधियों में गंभीर सजा का डर पैदा होना चाहिए.’’
नेशनल क्राईम रिकाॅर्ड ब्यूरो 2016 के आंकड़े छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों की गंभीर तस्वीर पेश करते हैं. आंकड़ों के अनुसार 2012 में बच्चों के साथ होने वाले अपराध के मामले 1881 थे जो 2016 में 152 फीसदी बढ़कर 4746 पर पहुंच गए, इसी तरह महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के मामले साल 2012 में 4228 थे जो 41 फीसदी वृद्धि के साथ 5947 के आंकड़े पर पहुंच गए हैं.
- महिलाओं के साथ हुए 29,162 अपराधों में से 21,681 मामलों पर मुकदमे चल रहे हैं.
- बच्चों के साथ हुए 10,748 अपराधों में से 9342 मामलों पर मुकदमे चल रहे हैं.
- 2016 में महिलाओं के साथ हुए अपराध के कुल मामलों में से 27.34 फीसदी मामले बलात्कार के थे, जबकि 984 मामलों में पोस्को केे तहत माइनर रेप (नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार) की शिकायत दर्ज की गई.
डिग्निटी मार्च की अवधारणा राष्ट्रीय गरिमा अभियान द्वारा कई संगठनों के सहयोग से पेश की गई है. 65 दिनों के इस नेशनल मार्च में पीड़ित, उनके परिवार और अन्य हितधारक भारत के 24 राज्यों के 200 ज़िलों में 10,000 किमी की दूरी तय कर रहे हैं. डिग्निटी मार्च की शुरूआत मुंबई में 5000 पीड़ितों और उनके परिवारजनों के साथ हुई. इसमें समाज से दिग्गज सदस्यों और सेलेब्रिटीज़ जैसे टिस्का चोपड़ा, अरशद वारसी, सुधा चन्द्रन तथा मिस लक्ष्मी अग्रवाल (स्टाॅप एसिड अटैक्स), मिस भंवरी देवी, सामूहिक बलात्कार से उबरी सामाजिक कार्यकर्ता तथा कई अन्य लोगों ने हिस्सा लिया. डिग्निटी मार्च 22 फरवरी 2019 को दिल्ली में समाप्त होगी.