उत्तर प्रदेश का पशुपालन विभाग एक बार फिर विवादों में है, इस बार बछियों के टीकाकरण को लेकर विभाग घेरे में आ गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 4 से 6 महीने की बछियों को ब्रूसिलोसिस (Brucellosis) नामक संक्रामक रोग से बचाने के लिए जो टीके लगाए जाने चाहिए, उनकी संख्या में फर्जीवाड़ा किया गया है. जबकि यह टीका मादा पशुओं को उनके जीवन में केवल एक बार ही लगाया जाता है, विभाग के रिकॉर्ड में इन बछियों को चार गुना टीके लगाने का दावा किया गया है.

इस घोटाले का खुलासा केंद्र सरकार के भारत पशुधन पोर्टल पर हुआ. पोर्टल के अनुसार, 1 अप्रैल से 24 सितंबर के बीच प्रदेश में 78,185 बछियों का जन्म हुआ, लेकिन उन्हें 3,14,602 टीके दिए गए. इससे साफ है कि आंकड़ों में 75 प्रतिशत का अंतर है, जिससे गड़बड़ी की आशंका पैदा होती है. इस पर उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और टीकों का हिसाब मांगा है.

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क्या है ब्रूसिलोसिस?

ब्रूसिलोसिस एक संक्रामक रोग है, जो मादा दुधारू पशुओं में होता है और मनुष्यों में भी फैल सकता है. इससे बचाव के लिए टीकाकरण का यह अभियान महत्वपूर्ण है. जानकारी के मुताबिक टीकाकरण का टारगेट केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाता है. जल्द ही डेटा अपडेट कर दिया जाएगा ताकि यह अंतर समाप्त हो सके. ये मामला प्रदेश के पशुपालन विभाग के लिए एक नई चुनौती बन गया है जो कि ये दर्शाता है कि विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही की कितनी कमी है.