केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने नागपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनना देश के लिए एक श्राप है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जैसे व्यक्ति का नेता प्रतिपक्ष होना देश के लिए एक ‘श्राप’ है क्योंकि उन्होंने संविधान की मूल भावनाओं को नहीं पढ़ा और बाबा साहब अंबेडकर का उनके परिवार ने अपमान किया है.
उन्होंने कहा, “मैं मानता हूँ ऐसे आदमी का संविधान की किताब पर हाथ भी रखना उचित नहीं है. यह तो हमारे देश की बदकिस्मती है कि ऐसा आदमी नेता बन गया है और मुझे उनसे सरोकार रखना पड़ता है.” उन्होंने आगे कहा, “मेरे अपने एससी-एसटी समुदाय के लोगों और बौद्ध समाज के लोग राहुल गांधी को रिसीव करने जाते हैं तो उनकी जयकार करते हैं.
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70 साल तक कैबिनेट में बौद्ध नजरनहीं आई: रिजिजू रिजिजू ने कहा कि मैं देश में पहला बौद्ध कैबिनेट मंत्री हूँ. उन्होंने कहा कि हमें इंतजार करना पड़ा क्योंकि मोदी प्रधानमंत्री बनने पर हमें सत्ता संचालन में हिस्सा लेने का मौका मिला. कांग्रेस को 70 साल तक सत्ता में रहते हुए केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनाने का कोई बौद्ध नजर नहीं आया.
केंद्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रिजिजू ने कहा कि सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा है, जो समिति का दौरा कर रही है. हमने जेपीसी को बनाया था कि यह अगले शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. हम सुझावों को देखेंगे कि क्या बदलाव किए जा सकते हैं? हम विधेयक को पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
किरेन रिजिजू ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की राजनीतिक परिपक्वता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब वे विपक्ष के नेता बने तो मैंने सोचा कि वे सुधर जाएंगे और उनके अंदर मैच्योरिटी आएगी, लेकिन मैच्योरिटी आने की जगह राहुल गांधी और भी बदतर हो गए. यह पहली बार था कि प्रधानमंत्री को राज्यसभा और लोकसभा में बोलने नहीं दिया गया. प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान वे वेल में आकर उछल-उछल कर हंगामा करने लगे. रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद सुधार जाना चाहिए था, लेकिन वह सुधरने की बजाय बहुत बुरी तरह से बिगड़ गए हैं और खुलेआम देश विरोधी ताकतों के साथ घूम रहे हैं, अमेरिका में जाकर भारत को गाली देते हैं.
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