विक्रम मिश्र, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार का नेतृत्व अब अपनो के ही निशाने पर आने लगा है। सरकार के कार्यकलाप पर अब अपने मंत्री नेता और कार्यकर्ता सवाल उठाने लगे है। आरोप ये लगाया जा रहा है कि, कोविड 19 के समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बनाई गई समिति जिसको टीम 9 कहा गया था। उसके आगे मंत्रिमंडल के सदस्य बौने हो गए है। प्रदेश सरकार में एक उपमुख्यमंत्री की टीम के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर लल्लूराम डॉट कॉम को बताया कि योगी सरकार में सबकुछ सामान्य नहीं है। यहां पर अधिकारी ही सरकार चला रहे है। और मंत्रीगण बस रिपोर्ट बनाते है।

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बढ़िया वाला मेरा, खराब आपका

उत्तर प्रदेश भाजपा नेता ने लल्लूराम डॉटकॉम को बताया कि मुख्यमंत्री किसी भी प्रकार की रायशुमारी अपने मंत्रियों के साथ नही करते है। वो सिर्फ अधिकारियों के ज़रिए सरकार चलाने की कोशिश कर रहे है। जिससे कि जनता तक सरकारी योजनाओं का लाभ नही पहुच पा रहा है। उत्तर प्रदेश अधिकारियों के ज़रिए ही संचालित किया जा रहा है। भाजपा नेता के मुताबिक कागज़ पर बनी योजनाओं को अमल में लाने की ज़िम्मेदारी अधिकारी ही निभा रहे है। जबकि प्रभारी मंत्री और विभागीय मंत्री बस रबर स्टाम्प बनकर रह गए है।

56 की जगह 9 से कैसे बनेगी बात

लल्लूराम डॉटकॉम से हुई बात में भाजपा नेता ने बताया कि कोई भी जनप्रतिनिधि जनता का नुमाइंदा होता है। जबकि अपने क्षेत्र की समझ और उसके नब्ज़ की जानकारी नेता को अच्छे ढंग से रहती है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री योगी इस बात को नही समझ रहे है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो सरकार में विद्रोह भी हो सकता है।

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कार्यप्रणाली पर भी उठाया सवाल

उपमुख्यमंत्री के करीबी नेता ने बताया कि बुलडोजर कार्रवाई और एनकाउंटर पर जहां सरकार को माइलेज मिलता था, अब ग्राफ गिरने लगा है। ऐसे में योगी की प्रशंसा महज दूसरे प्रदेशों में हो रही है। उत्तर प्रदेश में अब सरकार का नकारात्मक प्रचार शुरू हो गया है। उन्होंने एक कहावत के ज़रिए योगी पर कटाक्ष भी किया, ‘आपन जोगी जोगड़ा, दूर प्रदेश में सिद्ध’ यानि कि अपने यहां का योगी या संत को लोग अब जोगड़ा समझने लगे है, जबकि बाहरी प्रदेशों में इनको सिद्ध पुरुष माना जाता है।