शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में मजहबी सियासत का रंग फिलहाल सुर्ख लाल है। कभी लव जिहाद, गरबा तो गौ मूत्र को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। उधर, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर जुबानी जंग शुरू हो गई है। 

दरअसल, भागवत ने राजस्थान के बारां में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और हमें एकजुट रहना होगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए भाषा, जाति, प्रांत के भेद और विवाद मिटाकर संगठित होना होगा। इस मामले पर कांग्रेस ने संघ पर हमला बोला। 

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अमित शर्मा ने कहा कि भारतीय हिंदुओं को किसी और से नहीं बल्कि आरएसएस जैसे संगठनों से खतरा है। यही हिंदुओं को बरगलाने का काम करते हैं। आग में तेल डालकर सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देते हैं। फिर एक धर्म विशेष के नाम पर अपनी राजनीति चमकाते हैं। 

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश को किसी जाति-धर्म के नाम पर नहीं बांटना चाहिए। अनेकता में एकता का देश भारत है। यही हमारा संविधान भी कहता है। लेकिन, आरएसएस जैसे संगठन संविधान को नहीं मानते। लिहाजा भारत की शान तिरंगे से भी परहेज करते हैं। उन्होंने कहा कि देश में नफरत फैलाने का काम तय षड्यंत्र के तहत बीजेपी और आरएसएस कर रही है। 

उधर, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता गुंजन चौकसे ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि जब-जब सनातन की बात होगी तब-तब कांग्रेस का विरोध भी दिखाई देगा। कांग्रेस को भारत और सनातन का इतिहास पढ़ना चाहिए। हिंदू तो दूर बल्कि राष्ट्र की परिभाषा को कांग्रेसी नहीं जानते। देश के विभाजन का कारण रही कांग्रेस कभी राष्ट्रवाद को नहीं समझ सकती। मोहन भागवत के बयान को समझने के लिए कांग्रेस को अपना बौद्धिक स्तर को सुधारना होगा।

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