ऋग्वेद के अनुसार, अग्नि में सभी देवी-दवताओं का वास होता है. अग्नि में ही हवन सामग्री डाली जाती है, क्योंकि यही देवी-देवताओं तक यज्ञ और हवन का भाग पहुंचाने का माध्यम है. यही वजह है कि सनातन धर्म में अग्नि को प्रसन्न रखना बेहद जरूरी माना गया है. अगर, अग्नि देवता प्रसन्न हैं तो व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. वेद, उपनिषद और पुराणों में यह भी वर्णित है कि अग्नि सूर्य के रुप में विद्यमान हैं. सूर्य की ऊर्जा से फसलें पकती हैं, और देवी-देवताओं के आशीर्वाद से हमें अन्न मिलता है.

पूजा और यज्ञ के दौरान दीपक के नीचे अनाज रखने का विधान है, आखिर क्यों? और कौन-कौन से अनाज रखे जा सकते हैं, आईए जानते हैं.

दीपक के नीचे ये7 अनाज रखना है शुभ

सनातन धर्म में 7अनाजों को बेहद शुभ और पवित्र माना गया है. ये सप्तधान्य हैं- गेहूं, जौ, तिल, उड़द, मूंग, चावल और बाजरा.

चावल

चावल को शुद्धता का प्रतीक है. साथ ही यह सर्व-सुलभ अन्न है. मान्यता है कि चावल में मां लक्ष्मी का वास है. दीपक के नीचे चावल रखने का उद्देश्य है कि व्यक्ति के जीवन में कभी  धन-धान्य की कमी न हो.

गेहूं

चावल के तरह गेहूं में भी मां लक्ष्मी और अन्नपूर्णा का वास करती हैं. पूजा के दौरान गेहूं के आसन पर दीपक रखने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. धन संबंधित परेशानियों से भी छुटकारा मिल सकता है.

जौ

जौ को संस्कृत में ‘यव’ कहा जाता है. इसमें भगवान विष्णु का वास होता है. इसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और शुद्ध माना गया है. दीपक के नीचे जौ को रखने से व्यक्ति को दुनिया के हर सुख-सुविधा की प्राप्ति होती है.

चना

चने की दाल में गुरु बृहस्पति का वास होता है. आर्थिक तंगी का सामना करने वाला व्यक्ति दीपक के नीचे चना का आसन बनाकर पूजा करे तो उसे आर्थिक तंगी से निजात मिलती है.

उड़द

उड़द एक पवित्र अनाजा है. इसका दीपक के नीचे आसन विशेष परिस्थितियों में होता है. जिनको बार-बार नजर लगती रहती है, तो उड़द की दाल बिछाकर उसके ऊपर दीया जलाने से लाभ होता है. यह नजर से बचाव का उपाए है.

बाजरा

बाजरा को चावल और गेहूं के समान पवित्र माना गया है. जब घर में चावल-गेहूं दोनों नहीं होते हैं तोे पूजा में बाजरा का प्रयोग सर्वोत्तम माना गया है. दीपक के नीचे बाजरा को रखने से सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है.

तिल

तिल को भी बहुत शुभ अनाज माना जाता है. लेकिन तिल का उपयोग भी उड़द की तरह विशेष परिस्थितियों में होता है. इसके इस्तेमाल से दुर्घटनाओं से बचाव होता है. साथ ही, नजरदोष से भी मुक्ति मिलती है. करियर में आ रही परेशानियां भी दूर होती हैं