अनूप दुबे, कटनी (ढीमरखेड़ा)। मध्य प्रदेश के कटनी जिले की ढीमरखेड़ा में बाढ़ आपदा पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला है। जिसके बाद तहसील कार्यालय पहुंचकर पिपरिया शुक्ला गांव के ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। इसके साथ ही रोजगार सहायक पर पैसे लेकर बाढ़ मुआवजा दिलवाने का आरोप भी लगाया।

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कटनी जिले की ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में 24 जुलाई को आई बाढ़ आपदा में एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए थे। पिपरिया शुक्ल ग्राम भी बाढ़ के कारण प्रभावित हुआ था। हाल ये हो गए थे कि, ग्रामीणों के घर पानी में डूब गए, अनाज और गृहस्थी का सामान पूरी तरह से तबाह हो गया था। बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में व्यवस्थाएं बनाने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव के द्वारा निर्देश दिए गए थे। लेकिन पोड़ितों को मुआवजा दिलवाने में लापरवाही के आरोप ग्रामीणों के द्वारा तहसील कार्यालय पहुंचकर लगाए गए।

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ग्रामीणों ने बताया कि, रोजगार सहायक के द्वारा बिना लेनदेन किए बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा नहीं दिलवाया गया। जिनका नुकसान हुआ है वह मुआवजा से वंचित है। पूर्व में भी ग्रामीणों के द्वारा मामले की शिकायत की गई थी। जिस पर एसडीएम के द्वारा जांच करवाने पर पटवारी की गलती निकलने पर पटवारी को निलंबित भी कर दिया गया है। लेकिन रोजगार सहायक की शिकायत करने के बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो रही और लोग परेशान हो रहे हैं। तहसीलदार आशीष अग्रवाल में मामले की जांच करवा कर व्यवस्था बनाने का ग्रामीणों को आश्वासन दिया।

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