तत्कालीन सीओ कुंडा जियाउल हक की हत्या के 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. बुधवार को सीबीआई स्पेशल कोर्ट लखनऊ ने यह फैसला सुनाया. इस पर जियाउल हक के माता-पिता की प्रतिक्रिया सामने आई है. पिता शमशुल हक और मां हाजरा खातून का कहना है कि अदालत के फैसले से हम संतुष्ट हैं. उन्होंने राजा भइया पर आरोप लगाते हुए कहा कि- लेकिन जिसने इस पूरे चक्रव्यूह को रचा उसके बचने का दुख भी है.

शमशुल हक ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य मुलजिम तो राजा भैया और गुलशन यादव (तत्कालीन ग्राम प्रधान) ही थे. अब पता नहीं कैसे राजा भैया को क्लीन चिट मिल गई. पता नहीं सीबीआई ने लीपापोती कर दी या फिर किसी और ने. पूरा चक्रव्यूह उन्हीं का रचा हुआ था, उन्हीं ने हत्या कराई.

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इन पर लगाया गया जुर्माना

इस हत्याकांड को 2 मार्च 2013 को अंजाम दिया गया था. अब इस मामले में 11 साल बाद फैसला आया है. जब तत्कालीन सीओ कुंडा जियाउल हक की लाठी डंडों से पीटने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसमें मुख्य दोषी फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, रामलखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी, जगतबहादुर पाल उर्फ बुल्ले को सज़ा सुनाई गई है. जबकि सभी आरोपियों पर 19500 रुपए प्रति आरोपी पर जुर्माना भी लगाया गया है.

राजा भइया पर आरोप

बता दें कि प्रतापगढ़ के कुंडा का चर्चित जियाउल हक हत्याकांड हुआ था. सीओ की हत्या का आरोप कुंडा के बाहुबली विधायक और मंत्री रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया पर लगा था. उनको अखिलेश सरकार से इस्तीफा तक देना पड़ा था. हालांकि, जांच के दौरान ही सीबीआई ने राजा भैया को क्लीन चिट दे दिया था. इस चर्चित हत्याकांड में उनकी कोई भी साजिश नहीं मिली थी.