विक्रम मिश्र, लखनऊ। राजधानी लखनऊ में राजस्थानी शैली में निर्मित ‘बटलर पैलेस’ अब किताबों के शौकीनों की पहली पसंद बनेगा. वहां हेरिटेज लुक में बुक कैफे बनेगा. जहां फोटो गैलरी के साथ लाइट एंड साउंड शो संचालित किए जाएंगे. इसके अलावा लाॅन और ओपन थियेटर में आर्ट एंड क्राफ्ट प्रदर्शिनी के साथ रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जा सकेंगे.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के पारिजात सभागार में मंजल आयुक्त डाॅ रोशन जैकब की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन दिया गया. इसमें भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक राहुल रमेश नांगरे, एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार समेत अन्य अधिकारी और अभियंता गण उपस्थित रहे.

बैठक में एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा लगभग 05 करोड़ रुपए की लागत से बटलर पैलेस के संरक्षण का कार्य किया जा रहा है. जिसके वाह्य व आंतरिक क्षेत्र का कार्य जल्द पूर्ण करा लिया जाएगा. उन्होंने बटलर पैलेस में प्रस्तावित गतिविधियों का प्रेजेन्टेशन दिया. जिसमें बटलर पैलेस को VVIP गेस्ट हाउस या फिर बुक कैफे के रूप में संचालित करने का प्रस्ताव दिया गया. उन्होंने बताया कि बटलर पैलेस के तीन से चार किलोमीटर के दायरे में 100 से अधिक स्कूल/काॅलेज और कोचिंग संस्थान हैं. ऐसे में बटलर पैलेस में बुक कैफे विकसित करने से स्टूडेंट्स और किताबों के शौकीनों को एक बेहतर स्थान मिल जाएगा और बड़ी संख्या में लोग इसका लाभ उठा सकेंगे.

उन्होंने बताया कि बुक कैफे के साथ-साथ बटलर पैलेस में फोटो गैलरी व द्वितीय तल पर ऑडियो-विजुअल शो का प्रावधान भी किया जाएगा. साथ ही रात के समय पैलेस की दीवार पर अवध की संस्कृति को दर्शाता हुआ लाइट एंड साउंड शो संचालित किया जाएगा. मंडलायुक्त ने बुक कैफे के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए निर्देश दिए कि पैलेस के पास स्थित गार्डेन एरिया को भी सार्वजनिक उपयोग में लाया जाए. इसके लिए ओपन थियेटर और गार्डेन एरिया में आर्ट एंड क्राफ्ट प्रदर्शिनी और रंगारंग कार्यक्रम आदि आयोजनों को भी प्रस्ताव में शामिल किया जाए.

इसके बाद मंडलायुक्त ने ग्रीन काॅरिडोर परियोजना के संबंध में बैठक की. इसमें उन्होंने निर्देश दिए कि पक्का पुल से डालीगंज तक आरओबी/फ्लाईओवर निर्माण और निशातगंज से कुकरैल तक 4-लेन सड़क निर्माण और बंधा चौड़ीकरण के कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त सर्वे करा लिया जाए. इसमें पेड़ों की गिनती, एचटी लाइन, पाइप लाइन व सीवर लाइन आदि शिफ्ट करने के लिए नगर निगम, जल निगम, जलकल, सिंचाई विभाग, लेसा व वन विभाग के अधिकारियों को अलग से पत्र प्रेषित किया जाए.