Dussehra 2024: दशहरा, जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह पर्व हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है और इसे भगवान राम की रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है.

ऐतिहासिक महत्व

दशहरा की कहानी हिन्दू पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है. रामायण के अनुसार, भगवान राम ने रावण का वध करके मां जानकी को मुक्त किया था. रावण, जो लंका का राजा था, ने मां जानकी का अपहरण किया था. भगवान राम, मां जानकी की रक्षा के लिए, हनुमान और वानर सेना के साथ मिलकर रावण से युद्ध करने निकले थे. इस युद्ध में भगवान राम ने रावण को पराजित किया, जिससे यह सिद्ध हुआ कि सत्य और धर्म की हमेशा जीत होती है.

बुराई पर अच्छाई की जीत

दशहरा का एक और महत्वपूर्ण संदेश है कि बुराई चाहे कितनी भी बलशाली क्यों न हो, वह अंततः पराजित होती है. यह त्योहार लोगों को प्रेरित करता है कि वे अपने जीवन में बुराईयों को समाप्त करें और सत्य, धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलें. लोग इस दिन अपने घरों की सफाई करते हैं और नए सामान खरीदते हैं, जो नई शुरुआत का प्रतीक होता है.

Dussehra 2024: 12 अक्टूबर को रावण दहन का शुभ समय

ज्योतिष गणना के अनुसार, दशमी तिथि 12 अक्टूबर को दिन में 10 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ होगी और 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी. रावण दहन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के बाद रात 10:33 बजे तक रहेगा. इस साल रावण दहन का सबसे उत्तम मुहूर्त शाम 05:53 बजे से 07:27 बजे तक रहेगा.

रावण दहन हमेशा प्रदोष काल में श्रवण नक्षत्र में किया जाता है, जो 12 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 25 मिनट पर प्रारंभ होगा और 13 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.

दशहरा के दिन पूजन का विजय मुहूर्त

दशहरा के दिन पूजन का विजय मुहूर्त दोपहर 02:02 बजे से 02:48 बजे तक है. अपराह्न पूजा का समय दोपहर 01:16 बजे से 03:35 बजे तक रहेगा.

रावण दहन मंत्र

  • राम रामाय नम:
  • ॐ अपराजितायै नम:
  • पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निधान ! कवन सो काज कठिन जग माही, जो न होत तात तुम पाही !!