रायपुर– भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग को मिल रहे आरक्षण को यथावत रखते हुए केन्द्र सरकार की भांति छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी सवर्ण गरीब परिवारों को अतिरिक्त 10 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में प्रदेश सरकार की आनाकानी पर निशाना साधते हुए इसे कांग्रेस की बदनीयती और सवर्ण गरीब परिवारों से उनका हक छीनने वाला बताया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने मंगलवार को कहा कि राजधानी के एक हिन्दी दैनिक समाचार पत्र में इस आशय की छपी खबर ने प्रदेश के लाखों जरूरतमंद परिवारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. भाजपा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सामाजिक समानता और न्याय के सिध्दांत को आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था करके साकार किया है, पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार इसे लागू करने में आनाकानी करके अपनी राजनीतिक संस्कृति व मानसिकता के ओछेपन का परिचय दे रही है.
श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि सवर्ण आरक्षण का मसला किसी एक राजनीतिक विचारधारा या प्रदेश का नहीं अपितु समूचे देश के गरीब परिवारों के कल्याण का है. जब कांग्रेस के समर्थन से लोकसभा और राज्यसभा में ऐतिहासिक बहुमत से यह संशोधन पारित हो गया है तो फिर छत्तीसगढ़ में इसे लागू करने में प्रदेश की कांग्रेस सरकार की हिचकिचाहट समझ से परे है. सदन में साथ तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस क्यों अपना रही है अलग नीति. क्या राहुल गांधी के कहने पर ऐसा कर रही है राज्य सरकार?
भाजपा प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा जनकल्याण से जुड़े अच्छे विचारों और कार्यों को केवल राजनीतिक चश्मे से ही देखने की आदी रही है और राजनीतिक उदारता का परिचय देना उसकी फितरत में ही नहीं है. कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार के एक मंत्री रवीन्द्र चौबे ने केन्द्र सरकार के अतिमहत्वपूर्ण, क्रांतिकारी और जनभावना से जुड़े इस फैसले को सियासी कहकर न केवल आरक्षण व्यवस्था की गंभीरता का मखौल उड़ाया है, अपितु सवर्ण गरीब परिवारों के जरूरतमंद शिक्षित युवकों व छात्रों के अरमानों को भी संकीर्ण राजनीतिक दृष्टिकोण के चलते रौंदने का काम किया है. सुंदरानी ने छत्तीसगढ़ में भी एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग के आरक्षण को यथावत रखते हुए अतिरिक्त 10 प्रतिशत आरक्षण गरीब सवर्ण वर्ग को देने की व्यवस्था तत्काल अमल में लाने की मांग की है.