तिरुपति प्रसाद विवाद के बाद से मंदिरों में प्रसाद की शुद्धता पर ध्यान दिया जा रहा है. जिसके चलते काशी विश्वनाथ मंदिर ने ‘तंदुल महाप्रसाद’ की शुरुआत की गई है. अब तक स्थानीय स्तर पर लड्डू प्रसाद का निर्माण किया जा रहा था, लेकिन अब बनास डेयरी में शुद्ध सामग्री से विशेष लड्डू तैयार किए जाएंगे. ये प्रसाद 200 ग्राम के डिब्बे में 120 रुपये में उपलब्ध होगा.

विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने प्रसाद के निर्माण में गुणवत्ता पर जोर देने के लिए विशेषज्ञों से परामर्श किया है. बनास डेयरी के अधिकारियों के मुताबिक प्रसाद में बेलपत्र, चावल का आटा, देसी घी, और अन्य सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. बता दें कि इसमें जो बेलपत्र का उपयोग किया जा रहा है वो बाबा विश्वनाथ को चढ़ी हुई है. यानी रोजाना बाबा पर जो बेलपत्र चढ़ाया जाता है उसका चूर्ण बनाकर भी इस प्रसाद में मिलाया जा रहा है.

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महिला स्व सहायता समूह के रोजगार पर संकट

हालांकि, इस नई व्यवस्था के कारण पहले से प्रसाद बनाने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के सामने रोजगार संकट आ गया है. ये महिलाएं पिछले पांच साल से बाबा विश्वनाथ के लिए लड्डू और अन्य मिठाई बना रही थीं और अब उनकी आमदनी प्रभावित हो गई है. प्रशासन ने उन्हें अन्य माध्यमों से काम देने का आश्वासन दिया है, लेकिन तत्काल राहत की आवश्यकता है. इस तरह की स्थिति ने स्थानीय महिलाओं के लिए चिंता बढ़ा दी है, जो पहले इस कार्य से अपनी जीविका चला रही थीं.