Panchayat Chunav: अमृतसर. पंचायती चुनावों से ठीक पहले पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने पटियाला रेंज के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि छोटे-मोटे अपराधों और नशा तस्करों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए. एफआईआर दर्ज करने में किसी भी लापरवाही के लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे.

राज्य में पंचायती चुनाव प्रचार आज शाम 5 बजे समाप्त हो जाएगा. 15 अक्टूबर को 13 हजार पंचायतों के लिए वोट डाले जाएंगे और चुनाव परिणाम उसी दिन शाम को घोषित किए जाएंगे. चुनाव शांतिपूर्वक कराना पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है.

Panchayat Chunav: अलग-अलग जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक

अब तक कई जिलों में हत्या जैसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, ऐसे में डीजीपी खुद सक्रिय हो गए हैं और वे राज्य के विभिन्न जिलों के अधिकारियों से लगातार बैठकें कर रहे हैं. इसके अलावा पुलिस द्वारा कासो ऑपरेशन भी चलाया गया है.

मैदान में पुलिस की उपस्थिति दिखनी चाहिए, नाके लगाए जाएं

डीजीपी ने कहा कि इस समय हमारा उद्देश्य पंचायती चुनावों को शांतिपूर्वक कराना है, इसलिए इलाकों में नाकाबंदी की जाए. क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति नजर आनी चाहिए. अगर कहीं कोई झगड़ा होता है तो पुलिस तुरंत पहुंचनी चाहिए. इन सभी कामों के लिए पुलिस रिजर्व रखी जाएगी. इस तरह चुनावों की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए.

इसके अलावा स्नैचिंग, डकैती, फिरौती की कॉल या नशे के मामलों जैसे छोटे-मोटे अपराधों को भी गंभीरता से लिया जाना चाहिए, क्योंकि ये चीजें लोगों को बहुत परेशान करती हैं.

इन मामलों में एसएचओ, डीएसपी और एसएसपी की जिम्मेदारी तय होगी. अगर एनडीपीएस एक्ट के तहत पकड़े गए अपराधी जेल से बाहर हैं, तो उनके खिलाफ बार-बार कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी. लोगों से आने वाली सूचनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

अगर वीडियो वायरल होती है, तो 20 मिनट के भीतर करें पुष्टि

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आजकल कोई व्यक्ति किसी के नशा करते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर देता है, लेकिन पुलिस को सूचना नहीं देता. इससे पुलिस की छवि खराब होती है. ऐसे मामलों में वायरल वीडियो पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए.

डीजीपी ने कहा कि अब सोशल मीडिया पर गतिविधियां बढ़ गई हैं. कई बार पुरानी या दूसरे राज्यों की वीडियो वायरल हो जाती हैं. ऐसे में सोशल मीडिया सेल को सक्रिय किया जाना चाहिए. वीडियो की 20 मिनट के भीतर जांच होनी चाहिए. अगर कोई गलत जानकारी है, तो उसे तुरंत हटाया जाना चाहिए और पूरी स्थिति जनता को स्पष्ट की जानी चाहिए.