शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेशवासी कितने खुशहाल हैं, सरकार इसका पता लगाएगी। प्रदेश में हैप्पीनेस के पैमाने का मूल्यांकन कराया जाएगा। इसके लिए किसी उच्च शिक्षा संस्थान या IIT का सहयोग लिया जाएगा। 

शहरों की अपेक्षा अब प्रदेश के गांवों को आनंद ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ऐसे ग्राम, जहां सद्भावना, भाईचारा, परस्पर सहयोग और आनंद का भाव प्रमुख हो, उन्हें उदाहरण के रूप में सामने लाया जाएगा। 

तनाव मुक्ति और आनंदित व्यवहार के प्रशिक्षण के लिए ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, पटवारी, नगर निगम और नगर पालिका के कर्मचारी एवं पुलिसकर्मी शामिल किए जाएंगे। 

वैचारिक और रचनात्मक गतिविधियों के लिए हर जिले में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के सहयोग से एक आनंद केंद्र या भवन बनाया जाएगा। आनंद कार्यों के लिए बुजुर्गों की सेवाएं भी ली जाएंगी। 

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