शशि देवागंन,राजनांदगांव. प्रदेश में पंद्रह साल की भाजपा की सत्ता सरकार अब जा चुकी है, लेकिन भाजपा से जुड़े शहर व ग्रामीण क्षेत्र के पदाधिकारी अब भी काम करवाने के एवज में हितग्राहियों से पैसे लेकर उसे डकारने से बाज नहीं आ रहे हैं. अब तक तो इन लोगों द्वारा सिर्फ आम जनता से वसूली की शिकायतें सामने आई हैं. मगर ग्रामीण मंडल की महिला मोर्चा अध्यक्ष देवकुमारी पटेल ने ग्राम हल्दी की एक दिव्यांग महिला से तीन पहिए वाली स्कूटी दिलाने के एवज में ना सिर्फ उनसे पंद्रह हजार रुपयों की मांग की बल्कि सात हजार रुपए एडवांस में भी ले लिया. भाजपा नेत्री के सारे कारनामों को स्टिंग आपरेशन के दौरान लल्लूराम डॉट कॉम ने अपने कैमरे में कैद कर लिया.
यह पूरा मामला इस प्रकार है कि राजनांदगांव जिले के ग्राम हल्दी निवासी सोहद्रा पटेल पति दिलीप पटेल ने दिव्यांग होने की वजह से लगभग पांच महीने पहले स्थानीय सांसद कार्यालय में तीन बार आवेदन दिया की. उन्हें तीन पहिए वाली स्कूटी प्रदान किया जाए, मगर दिव्यांगता का प्रतिशत कम होने की वजह से उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया. जब तीन बार आवेदन निरस्त कर दिया गया तब सोहद्रा पटेल की मुलाकात जनपद सदस्य व महिला मोर्चा की ग्रामीण अध्यक्ष देवकुमारी पटेल से हुई. मुलाकात के बाद देवकुमारी पटेल ने अपने लेटर पेड में लिखकर सोहद्रा पटेल के लिए स्कूटी की मांग की और कुछ समय बाद सोहद्रा को यह कहा की उनके आवेदन की स्वीकृति हो चुकी है. लेकिन अधिकारी व कर्मचारियों को मैनेज करने के लिए पंद्रह हजार रुपए लगेंगे तब जाकर कहीं उन्हें स्कूटी मिल पाएगी.
इस मामले में जब हमारे संवाददाता ने पड़ताल की तो यह पता चला कि किसी भी हितग्राही को सांसद निधि से अनुशंसा मिलने के बाद वो कागज कलेक्टर के पास जाता हैं. कलेक्टर उसे सांख्यकी विभाग भेजते हैं और वहां से समाज कल्याण विभाग भेजा जाता है फिर उसके बाद हितग्राहियों को सूचीबद्ध करके उन्हें लाभ दिलाया जाता है. लेकिन जब इस संबंध में जब कलेक्टर भीम सिंह से मुलाकात की गई तो उनका कहना था कि जो भी प्रकरण हमारे पास आता है चाहे वह जनदर्शन का हो या सांसद निधि का हम उसे तत्काल विभागीय कार्यालय भेज देते हैं और हितग्राही को जिस चीज की जरूरत होती है उसे प्रदान की जाती है. इसके एवज में किसी भी प्रकार का पैसा नहीं लिया जाता है और यदि किसी ने पैसा लिया है तो उस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
इस मामले को लेकर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी बीएल ठाकुर का कहना है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा जो ट्राईसाईकिल वितरित की जाती है उस पर किसी भी प्रकार का पैसा नहीं दिया जाता है. बाट्रईसिकल वितरण फ्री में किया जाता है इसके लिए किसी भी अधिकारी कर्मचारी को एक भी रुपया देना नहीं पड़ता है. सांसद निधि से जो भी कार्य स्वीकृत होते हैं वह पहले योजना एवं सांख्यिकी विभाग जाता है वहां से वेरीफाई होने के बाद हमारे पास आता है फिर उसे हम हितग्राही को देते हैं इस मामले में जनप्रतिनिधि का कोई हस्तक्षेप नहीं रहता है. यदि हितग्राही पात्र होता है तो उसे आवेदन में दिए गए मोबाइल नंबर या संबंधित पत्र व्यवहार के अनुसार बताया जाता है की आपका आवेदन स्वीकृत हो गया है आप रिसीव कर ले जा सकते हैं.
ट्राईसाईकिल के आवेदन के बारे की पूरी पड़ताल के लिए हम सांख्यिकी एवं योजना अधिकारी के पास गए तो सरोज कवर ने बताया कि हमारे पास अभी सांसद कार्यालय से इस प्रकार का कोई भी लेटर नहीं आया है. जिसमें सोहद्रा पटेल का नाम है. जो भी प्रकरण आए थे वह समाज कल्याण विभाग को भेज दिया गया है जो लेटर आप बता रहे हैं व लेटर अभी हम तक नहीं पहुंचा है.
एक दिव्यांग महिला से रूपये लेकर ट्राईसाईकल दिलाने के नाम पर भाजपा के महिला ग्रामीण अध्यक्ष देव कुमारी जो कि जनपद सदस्य भी है उसने हितग्राही को अपने मोबाइल से जो लेटर दिखाया है वह सांसद कार्यालय का है और वह लेटर आज पर्यंत तक सांख्यिकी विभाग पहुंचा ही नहीं है. इस पूरे मामले को देखने से साफ लग रहा है कि इसमें कहीं ना कहीं सांसद कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है.
जब मामले इसकी पड़ताल करने हम सांसद कार्यालय पहुंचे और वहां उपस्थित कार्यालय प्रभारी उत्तम साहू से चर्चा की तो सांसद कार्यालय प्रभारी उत्तम साहू ने बताया कि जो भी लेटर सांसद जी द्वारा अनुशंसा की जाती है उसे संबंधित विभाग तक पहुंचा दिया जाता है और यदि इस मामले में कोई भी व्यक्ति यदि इस काम के बारे में पैसा लेता है वह गलत है.