विक्रम मिश्र, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों की रणनीति अब अंतिम चरण में है. समाजवादी पार्टी ने जहां 6 सीट पर प्रत्याशी उतार कर बढ़त हासिल की थी तो वहीं कांग्रेस अभी भी गठबंधन की तकरीरें पढ़ने का हवाला दे रही है. ऐसे में सत्तारूढ़ दल भाजपा ने दिल्ली के दिशा निर्देश पर अपना पैनल बनाकर केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया है. उपचुनाव को लेकर भाजपा की महत्वपूर्ण बैठक रविवार शाम नई दिल्ली में हुई. जिसमें भाजपा ने 9 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के चयन कर दिया है. वहीं मीरापुर सीट भाजपा अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ने का फैसला किया है.

यूपी भाजपा की कोर कमेटी ने नौ सीटों के लिए प्रति विधानसभा सीट पर तीन नामों का पैनल पार्टी नेतृत्व को भेजा था. दिल्ली में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह मौजूद रहे.

उपचुनाव तो लिटमस टेस्ट नजर 27 पर है

10 सीटों पर होने वाले उप चुनाव में भाजपा के साथ सपा बहुत गंभीरता से लड़ने का फैसला किया है. जिसके तहत हर सीट पर बहुत ही सोच समझकर प्रत्याशी चयन किया जा रहा है. भाजपा भी सीट समीकरण को सुलझाने के लिए नया फार्मूला तय किया है. जिसके तहत ही पार्टी ज्यादातर सीटों पर पार्टी नए चेहरों को मौका दे सकती है. हालांकि निषाद पार्टी को सीट देने पर नेतृत्व फैसला लेगा. प्रत्याशी भाजपा का ही होगा. प्रदेश की तरफ से भेजे गए पैनल पर हुई बैठक में अंतिम मुहर तो केंद्रीय चुनाव समिति ही लेगा. जबकि चुनाव तारीखों का ऐलान के बाद ही प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जाएंगे.

भाजपा का लिए मुश्किल बनी निषाद पार्टी?

हर सीट पर सामाजिक समीकरण का विशेष ध्यान रखा गया है. लेकिन निषाद पार्टी द्वारा मझवां और कटेहरी सीटों की मांग भाजपा के लिए निर्णय लेने में दिक्कत बन रही है. बता दें कि 2022 के चुनाव में ये दोनों सीट निषाद पार्टी पास थी.

किन सीटों पर होने है उपचुनाव

प्रदेश में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें खैर, गाजियाबाद, करहल, कुंदरकी, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी, मझवां, फूलपुर और मीरापुर सीटें शामिल हैं. इसमें भाजपा का खासतौर से कुंदरकी, सीसामऊ, मिल्कीपुर और कटेहरी पर फोकस है. गाजियाबाद और खैर पहले से पार्टी के पास थी. वहीं मझवां और फूलपुर सीटों पर भी एनडीए का कब्जा था.

जीत के लिए पूरी फौज है मैदान में

भाजपा ने 10 सीटों की जीत के लिए 30 मंत्रियों की लंबी फौज को मैदान में उतार दिया है. सभी को अलग अलग प्रभार देने के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संगठन मंत्री धर्मपाल और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने हर सीट पर एक एक राउंड बैठक कर जायजा लिया है. जिससे कि उपचुनाव में जीत के लिए कोई कसर न रह जाए.