रायपुर। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के एक महीने से अधिक समय बाद आज भाजपा ने प्रदेश पदाधिकारियों के साथ हार की समीक्षा की. समीक्षा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने माना की कांग्रेस की घोषणा-पत्र के आगे हमारा दमखम नहीं चल सका. कौशिक ने यह भी स्वीकार किया कि दमखम से काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने मेहनत नहीं की. हालांकि प्रदेशाध्यक्ष कार्यकर्ता क्यों नाराज हैं इसका जवाब नहीं दे सके और बगैर जवाब दिए ही कौशिक साहब लौट गए. ये और बात है कि धरमलाल ने कहा कि संगठन ने पदाधिकारियों की राय सूचीबद्ध की. हम जिलों में भी जाकर बैठक करेंगे, जिलों में बैठक के जरिये भी हार की वजह तलाशेंगे.
लल्लूराम डॉट कॉम को सूत्रों से खबर मिली है कि बैठक के दौरान जब पदाधिकारियों से हार की वजह पूछी गई तो ज्यादातर लोगों ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी को एक बड़ी वजह बताई. प्रदेश किसान मोर्चा के अध्यक्ष पूनम चन्द्राकर ने कहा कि जिन बूथों पर हमारे 15-20 कार्यकर्ता थे, वहां भी हमें 4 वोट नहीं पड़े.
बीजेपी के प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने इस दौरान अपनी गहरी नाराजगी बयां की है. उन्होंने कहा कि मैं इतने साल से राजनीति में हूँ, मेरा उपयोग कभी बेहतर ढंग से नहीं किया गया.
महापौर चुनाव के दौरान हार की समीक्षा क्यों नही की गई? मुझे हराने वालों की समीक्षा नहीं की गई. मीडिया सेल पर भी उन्होंने सवाल उठाया और कहा कि पत्रकार भी मीडिया सेल के काम से संतुष्ट नहीं थे.
पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि- जीएसटी भी एक बड़ी वजह रही है. इससे व्यापारी वर्ग पार्टी से दूर हो गये, जो हमारे वोटबैंक थे. परंपरागत बूथों में भी हम हारे हैं. सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों ने भी बीजेपी के खिलाफ मतदान किया. शराब पीने वाले और नहीं पीने वाले भी हमारे खिलाफ थे.