Hyundai Motor India IPO: भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़ा आईपीओ 15 अक्टूबर, यानी मंगलवार को खुलेगा. हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India – HMIL) इस आईपीओ के जरिए 27,870 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ऑटो ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर साउथ कोरिया की हुंडई मोटर ग्रुप की यह यूनिट, भारत में कारों की बिक्री के लिहाज से मारुति सुजुकी के बाद दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है. (Hyundai Motor IPO review)
ज्यादातर ब्रोकरेज हाउसेज का मानना है कि निवेशक इस आईपीओ को लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करने पर विचार कर सकते हैं. हालांकि, कुछ का कहना है कि लिस्टिंग के समय मिलने वाला मुनाफा सीमित हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स में आनंद राठी के हवाले से खबर है कि, “प्राइस बैंड के ऊपरी सिरे पर कंपनी वित्त वर्ष 2024 के अपने मुनाफे का 26.2 गुना वैल्यूएशन मांग रही है. हमारा मानना है कि यह इश्यू पूरी तरह से प्राइस्ड है. हम लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह देते हैं.” (Hyundai Motor IPO review)
SBI सिक्योरिटीज ने भी लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह देते हुए कहा, “कंपनी की बिक्री में SUV का बड़ा योगदान है, जो अधिक मार्जिन वाली गाड़ियां होती हैं. दमदार ब्रांड और ब्लॉकबस्टर मॉडल्स के अलावा, ज्यादा निर्यात करने की क्षमता इस कंपनी को अन्य कंपनियों से अलग बनाती है.” ICICI डायरेक्ट और IDBI कैपिटल ने भी इस इश्यू को ‘सब्सक्राइब’ करने की सलाह दी है. ICICI डायरेक्ट के मुताबिक, “हमारा अनुमान है कि आईपीओ से सीमित लिस्टिंग गेन होगा, लेकिन मध्यम से लंबी अवधि में HMIL अच्छा दोहरे अंकों का रिटर्न दे सकती है.”
वहीं, बजाज ब्रोकिंग और केनरा बैंक सिक्योरिटीज ने भी ‘लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब’ करने की सलाह दी है. केनरा बैंक सिक्योरिटीज ने कहा, “कंपनी में अच्छी ग्रोथ की संभावना है, लेकिन आईपीओ का वैल्यूएशन थोड़ा ज्यादा है. इसका PE रेशियो 26.28 है, जबकि इंडस्ट्री का औसत 24.41 है. हालांकि, लिस्टेड प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मुकाबले HMIL के रिटर्न रेशियो काफी बेहतर हैं.”
हुंडई के आईपीओ में क्या जोखिम हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आनंद राठी के अनुसार, यह सुनिश्चित नहीं है कि कंपनी अपनी ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) रणनीति को किफायती तरीके से लागू कर पाएगी. साथ ही, कंपनी के वैश्विक कामकाज में ऐसी चुनौतियां और जोखिम हैं, जो उसकी लागत को बढ़ा सकते हैं. SBI सिक्योरिटीज के मुताबिक, हुंडई कंपनी पुर्जे और अन्य सामग्री के लिए कुछ ही सप्लायर्स पर ज्यादा निर्भर है. वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की कुल रॉ मैटीरियल सप्लाई में टॉप 5 सप्लायर्स की हिस्सेदारी लगभग 44% थी. समय पर मानक गुणवत्ता की सामग्री की आपूर्ति में किसी भी बाधा का सीधा असर कंपनी पर पड़ सकता है. IDBI कैपिटल के अनुसार, कंपनी की सफलता भारत में SUV की बिक्री पर निर्भर है. डिमांड में किसी भी गिरावट या मैन्युफैक्चरिंग में रुकावट का नकारात्मक प्रभाव कंपनी पर पड़ेगा.