हेमंत शर्मा, इंदौर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने इंदौर में एलआईजी से नौलखा तक बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज को निरस्त करने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस कदम को इंदौर के विकास को 5 साल पीछे धकेलने वाला बताते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। 

सज्जन वर्मा ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा कि यह एलिवेटेड ब्रिज इंदौर के यातायात की समस्याओं को हल करने का एकमात्र व्यावहारिक समाधान था। वर्मा का आरोप है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्थानीय नेताओं के प्रभाव में आकर इस प्रोजेक्ट को निरस्त कर दिया और इसके बदले 7 नए ओवरब्रिज बनाने की घोषणा की है। यह इंजीनियरों की रिपोर्ट के अनुसार अव्यवहारिक साबित हो सकते हैं।

वर्मा ने अपने पत्र में गडकरी के साथ हुई एक पुरानी बैठक का भी जिक्र किया, जिसमें इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि जबलपुर, भोपाल और देवास के एलिवेटेड ब्रिज बनकर तैयार हो चुके हैं। लेकिन इंदौर का प्रोजेक्ट निरस्त होने से प्रदेश सरकार को 35 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होगा और शहर विकास की गति से पिछड़ जाएगा। 

इस पूरे प्रकरण को लेकर शहर में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सज्जन वर्मा के आरोप सीधे तौर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव की कार्यशैली और निर्णय क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं। जिससे इस मुद्दे का राजनीतिक रंग और गहरा हो गया है। वर्मा का कहना है कि गडकरी के हस्तक्षेप के बिना इंदौर का विकास अवरुद्ध हो जाएगा।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m