पंजाब सरकार ने आगामी त्योहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए दिवाली, गुरुपुरब, क्रिसमस और नए साल के दौरान पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इन त्योहारों पर आमतौर पर पटाखों का उपयोग किया जाता है, जिससे बुजुर्गों और श्वसन रोगियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.


प्रवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि पटाखों के उपयोग पर सरकार समय-समय पर इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करती है. पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम 1986 की धारा 5 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए, राज्य सरकार ने पूरे पंजाब में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर नियम और प्रतिबंध लगाए हैं.


राज्यभर में पटाखों की लड़ी (श्रृंखलाबद्ध पटाखे) के निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है. केवल “हरे पटाखे,” जिनमें बेरियम सॉल्ट्स, एंटीमनी, लिथियम, पारा, आर्सेनिक, सीसा या स्ट्रोंटियम क्रोमेट के मिश्रण का उपयोग नहीं किया गया हो, की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी गई है. यह बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं तक ही सीमित है, और अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखों के स्टोर, प्रदर्शन या बिक्री पर प्रतिबंध है.


त्योहारों के दौरान पटाखों के उपयोग के लिए समय सीमा तय की गई है. दिवाली (31 अक्टूबर 2024) को रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक पटाखे चलाने की अनुमति है. गुरुपुरब (15 नवंबर 2024) को सुबह 4:00 बजे से 5:00 बजे और रात 9:00 बजे से 10:00 बजे तक पटाखे चलाने की इजाजत है. क्रिसमस की रात (25-26 दिसंबर 2024) और नए साल की पूर्व संध्या (31 दिसंबर 2024 – 1 जनवरी 2025) को रात 11:55 से 12:30 तक पटाखे जलाए जा सकेंगे.


सरकार ने फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर पंजाब राज्य के भीतर ऑनलाइन ऑर्डर लेने और बिक्री करने पर सख्त पाबंदी लगाई है.
इसके अलावा, सभी डिप्टी कमिश्नरों को पटाखों के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं. कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वे केवल स्वीकृत “हरे पटाखों” की बिक्री और उपयोग को निर्धारित समय और स्थान पर सुनिश्चित करें.