शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में राज्य सरकार हैप्पीनेस के पैमाने का मूल्यांकन कराएगी. इसके लिए किसी उच्च शिक्षा संस्थान या आइआइटी का सहयोग लिया जाएगा. वहीं शहरों की अपेक्षा अब प्रदेश के गांवों को आनंद ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ऐसे ग्राम, जहां सद्भावना, भाईचारा, परस्पर सहयोग और आनंद का भाव प्रमुख हो, उन्हें उदाहरण के रूप में सामने लाया जाएगा. तनावमुक्ति और आनंदित व्यवहार के प्रशिक्षण के लिए ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, पटवारी, नगर निगम और नगर पालिका के कर्मचारी एवं पुलिसकर्मी शामिल किए जाएंगे. वैचारिक और रचनात्मक गतिविधियों के लिए हर जिले में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के सहयोग से एक आनंद केंद्र अथवा भवन बनाया जाएगा. आनंद कार्यों के लिए बुजुर्गों की सेवाएं भी ली जाएंगी.

आनंद नहीं परमानंद में है सरकार

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा सरकार का इंडेक्स फेल है. आनंद मंत्रालय में कोई काम नहीं हो रहा है. जब मैं मंत्री था बहुत काम हुए. अब काहे का इंडेक्स. वर्तमान में परिवार के परिवार सुसाइड कर रहे हैं, बच्चों की हत्या हो रही है, बलात्कार हो रहे हैं, पूर्व मंत्रियों के बेटे और बीजेपी के नेता पुलिस को मार रहे हैं.आनंद नहीं सरकार परमानंद में है और निराशा की भावना है.

कांग्रेस में निराशा और प्रदेश खुशहाल

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता शुभम शुक्ला ने कहा- आनंद के लिए ही आनंद मंत्रालय की स्थापना हुई. मंत्रालय के जरिए भौतिक, आध्यात्मिक और मानसिक आनंद के लिए सरकार काम कर रही है. सरकार लोगों के बीच जाकर के सर्वे करेगी. आंकलन करेगी कि मध्य प्रदेश के नागरिकों की जो हैप्पीनेस इंडेक्स पर क्या स्थिति है.कांग्रेस निराशा में है और इसलिए निराशाजनक की बात करती है. लगातार हार रही है. जनता प्रदेश में आनंद में है. कांग्रेस के पेट में दर्द है यही उनके बयानों से प्रदर्शित हो रहा बीजेपी के साथ जनता इस तरीके के साथ है।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m