विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश नगर निगम ने अपनी प्रचार नीति में संशोधन करते हुए घरों पर लगने वाले छोटे बोर्ड और अन्य प्रकार की कमर्शियल कार्य पर टैक्स की वसूली करेगा. इसके लिए नगर निगमों को विज्ञापन नीति तैयार कर उस पर आपत्तियां मंगवाने के लिए प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने सभी नगर निगमो को पत्र लिखा है.

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बता दें कि नगर निगमों के लिए नई विज्ञापन नीति तैयार हो गई है. 6 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले भवनों पर होर्डिंग्स नहीं लगा सकेंगे. नई नीति आने के बाद शहरों में होर्डिंग लगने के बाद जियो टैगिंग अनिवार्य की गई है. हाइवे पर सड़कों से 10 मीटर दूरी पर बोर्ड लगाने की अनुमति है. राज्य सरकार शहरों में प्रचार-प्रसार के लिए भवनों पर लगाने वाले छोटे बोर्ड पर भी विज्ञापन शुल्क वसूलेगा. इसके साथ ही छुट्टी वाले दिनों में लगने वाले मेले उत्साह या फिर जादू शो के प्रचार-प्रसार पर भी शुल्क लेने का निर्णय किया गया है.

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नगर निगम में विज्ञापन शुल्क की वसूली के लिए मौजूदा समय कोई विज्ञापन नीति नहीं है, लेकिन अब नई नीति को अमल में लाने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे कि राजस्व में भी इजाफा किया जा सके. इसके लिए नगर विकास विभाग ने नगर निगमों के लिए उत्तर प्रदेश नगर निगम नियमावली 2024 के प्रारूप का प्रकाशन करते हुए आपत्तियां मांगी हैं.

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नगर आयुक्त या समिति की अनुमति के बिना नगर निगम सीमा के अंदर किसी भवन पुल मार्ग फुटपाथ ओवर ब्रिज ट्री गार्ड विद्युत और टेलीफोन के पोल्स वाहन आदि पर बिना शुल्क जमा किए विज्ञापन नहीं लगा सकेंगे. दीवारों पर पेंटिंग से प्रचार प्रसार को भी इसके दायरे में रखा गया है.