कुमार इंदर, जबलपुर। नर्मदा मिशन संस्थापक दादा गुरु की अचानक तबीयत बिगड़ गई। अचानक शरीर का तापमान बढ़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की टीम संत का परीक्षण कर रही है।

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दादा गुरु अब हवा के सहारे जिंदा रहने की कर रहे कोशिश

नर्मदा मिशन के संस्थापक दादा गुरु ने अब हवा के सहारे जिंदा रहने की कोशिश शुरू कर दी है। यही वजह है कि दादा गुरू ने धीरे-धीरे पानी की मात्रा कम कर दी है जिसके चलते उनकी तबीयत बिगड़ गई। पानी कम लेने की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ गई है दादा गुरु को अचानक डीहाइड्रेशन और बॉडी का टेंपरेचर बढ़ने के चलते उनको मेट्रो हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां उनके सभी टेस्ट किए जा रहे हैं। 

डॉक्टर शैलेंद्र सिंह राजपूत का कहना है कि दादा गुरु के जांच कराई गई जिसमें उनका को ग्रेड फीवर निकला है। उनकी जांच करने पर ऐसा कुछ भी नहीं निकला है। एनीमिया और न्यूट्रिशन डिफिशिएंसी जरूर हुई है, जिसके चलते उनका कमजोरी हो रही है।

चार साल से निराहार हैं दादा गुरु 

आपको बता दें कि दादा गुरू पिछले चार साल से निराहार रह रहे हैं। उनका दावा है कि वह अब तक वह सिर्फ नर्मदा जल का पीकर जिंदा हैं। लेकिन अब उन्होंने प्रण किया है कि अब वह सिर्फ वायु यानि हवा के सहारे जिंदा रहना चाहते हैं। यही वजह है कि दादा गुरु ने अब अपनी पानी पीने की क्षमता भी घटा दी है। उनके करीबी बताते हैं कि वह अब रोजाना 200 से 300 एमएल पानी ले रहे हैं। जिसे वह आने वाले दिनों में और भी कम करेंगे।

कुछ महीने पहले हुई जांच

निराहार रहने वाले दादा गुरु 4 सालों से सिर्फ नर्मदा जल के सहारे हैं। जिसको लेकर पूर्व में मध्य प्रदेश सरकार दादा गुरु के निराहार पर शोध करा चुकी है। हालांकि, उसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है। दादा गुरु का एक हफ्ते तक मेडिकल परीक्षण किया गया था। जिनमें 24 घंटे डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी में रहती थी। 24 घंटे में कई मर्तबा उनका चेकअप होता था।निगरानी करने के लिए जहां वह रात में सोते थे, वहां भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।

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उन्होंने आगे कहा कि यह तप है, जिसकी वजह से उनमें पानी पीने के बाद भी एनर्जी बरकरार है। साथ ही ऐसे कोई बदलाव नहीं दिखे हैं। साइंस इसे सिद्ध नहीं करता। लेकिन तप, साइंस से ऊपर है। इस वजह से मैं यह नहीं मानता कि जो चीजें साइंस सिद्ध नहीं कर सकता, वह नहीं हो सकता है। 

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