रायपुर- छत्तीसगढ़ में बीजेपी की करारी हार के बाद पार्टी में कलह के हालात बन गए हैं. प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक और पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह के एक बयान में हार का ठीकरा कार्यकर्ताओं पर फोड़े जाने के बाद राज्यभर में कार्यकर्ताओं के बीच गहरी नाराजगी की खबर है. इस बीच पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने नेतृत्व पर सवाल उठाया है. उन्होंने दो टूक कहा है कि नेताओं को किसानों से माफी मांगी जानी चाहिए. किसानों को दो साल का बोनस नहीं दिया जाना वादाखिलाफी थी. किसानों के हक के पैसे से प्रदेश में मोबाइल बांटा गया. इन्हीं सब कारणों की वजह से किसान बीजेपी से दूर हो गया और हालात सामने है. उन्होंने कहा है कि नेतृत्व की गलत नीतियों की वजह से हम आने वाले दस साल तक सत्ता से दूर हो गए हैं.

चंद्रशेखऱ साहू ने कहा कि गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से लगातार मौत होती चली गई, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह एक बार भी सुपेबेड़ा नहीं गए. विधानसभा में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री का यह कहना कि सुपेबेड़ा में एक भी मौत किडनी बीमारी से नहीं हुई. यह बयान भी भारी पड़ा. रमन सरकार पूरी तरह से नौकरशाही पर आश्रित रही. सत्ता के मदमस्त रहने की वजह से चुनाव पर फोकस नहीं किया गया.

चंद्रशेखर साहू बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं. विधायक-सांसद के साथ-साथ संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में अभनपुर सीट से पार्टी के उम्मीदवार थे, लेकिन चुनाव हार गए. साल 2013 के चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. साहू मानते हैं कि प्रदेश में बीजेपी की हार की सबसे बड़ी वजह किसानों की नाराजगी बनी है. सत्ता में रहने के दौरान भी संगठन के भीतर भी बार-बार धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने के साथ-साथ बोनस की मांग उठती रही, लेकिन इसे लगातार नजरअंदाज किया जाता रहा है. ऐन चुनाव के पहले किसानों को बोनस तो दिया गया, लेकिन उसमें भी दो साल का बकाया रहा. इससे ही किसानों के बीच सरकार की नीयत को लेकर चर्चा होने लगी थी. चंद्रशेखर साहू कहते हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को भी किसानों के बीच जाकर माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं. यदि आला नेता किसानों से माफी नहीं मांगते, तो मैं खुद रायपुर में बैठकर सार्वजनिक तौर पर किसानों से माफी मागूंगा.

इधर कार्यकर्ताओं में भी गहरी नाराजगी

बुधवार को बीजेपी प्रदेश कार्यालय में कोरग्रुप और पदाधिकारियों की बैठक में भी हार के कारणों की समीक्षा की गई थी. इस् दौरान भी चंद्रशेखर साहू ने किसानों की अनदेखी को हार की वजह बताई थी. पूनम चंद्राकर, श्रीचंद सुंदरानी, सच्चिदानंद उपासने जैसे तमाम वरिष्ठ नेताओं ने भी हार के अलग-अलग कारण गिनाए थे.