धर्मेंद्र ओझा, भिंड। मध्य प्रदेश में भिंड के बघेली गांव में राजस्व विभाग की अनदेखी के कारण 76 वर्षीय मां और बेटा आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं। उनका कहना है कि, आधा दर्जन से अधिक दबंगों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर रखा है। जिसके लिए वह 4 साल से अधिकारियों के दरवाजे खटखटा रहे हैं। बावजूद इसके उन्हें न्याय नहीं मिला।
क्या है मामला
मामला भिंड जिले के रौन तहसील ग्राम बहादुरपुर बघेली गांव का है। जहां परास्त पटवारी राम सिंह के द्वारा रामवती की जमीन को फर्जी तरीके से सात लोगों के नाम नामांतरण कर ली गई। जिसमें बलराम सिंह, चंद्रभान सिंह,भूरे सिंह, बिटोली देवी, मानपाल सिंह, गुमान सिंह, साधू सिंह इन सभी के नाम पर पटवारी के द्वारा फर्जी तरीके से नामांतरण किया गया था। जबकि मानपाल सिंह की 40 साल पहले ही मृत्यु हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर गुमान सिंह की मृत्यु 20 साल पहले हो चुकी है।
षड्यंत्र रचकर हड़पी जमीन
सभी ने मिलकर षड्यंत्र रचकर पटवारी के द्वारा फर्जी तरीके से नामांतरण किया। इस पूरे मामले को लेकर 76 वर्षीय रामवती 2020 से लेकर आज तक लहार से लेकर कमिश्नर तक अपनी जमीन दबंगों से छुड़वाने के लिए 4 साल से कार्यालयों के चक्कर लगा रही है। पटवारी के द्वारा फर्जी बैनामा कराकर 76 वर्षीय मां 4 साल से संबंधित अधिकारियों को आवेदन दे रही है।
कई अधिकारी से की शिकायत
लहार एसडीएम, एसडीओपी, रौन तहसील, रौन थाना प्रभारी, भिंड कलेक्टर और भिंड पुलिस अधीक्षक इन सभी अधिकारियों को आवेदन देने के बावजूद भी महिला की सुनवाई नहीं की गई। जिसके बाद अब महिला ने मुरैना कमिश्नर से गुहार लगाई है। वहीं कमिश्नर के आदेश पर पटवारी राम सिंह को सस्पेंड किया गया। इसके साथ ही कमिश्नर ने आदेश किया था कि भूस्वामी को मालिकाना अधिकार दिलाया जाए।
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अधिकारियों की लापरवाही
जिस पर संबंधित अधिकारियों ने मलिक को अधिकार नहीं दिलाया। ऐसे में कुछ दिनों के बाद दबंगों ने फिर से कब्जा कर लिया। फर्जी तरीके से बैनामा कराने वालों के खिलाफ संबंधित अधिकारियों ने चार सौ बीसी का मुकदमा भी दर्ज नहीं किया। वहीं जिन्होंने फर्जी तरीके से नामांतरण कराया था वह आज भी दबंग रामवती की जमीन को जोत रहे हैं। फरियादी ने यह भी कहा है कि पटवारी ने इस मामले में तीन लाख रुपए की रिश्वत ली थी।
अधिकारियों को गुमराह
कंप्यूटर अधिकारी भी इस मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों को गुमराह कर रहा है। पटवारी राम सिंह ने इस जमीन को फर्जी तरीके से बैनामा किया है। वहीं इस मामले को लेकर रौन तहसीलदार ने थाना प्रभारी को पत्र लिखा, जिसमें खुले शब्दों में लिखा था कि भूस्वामी रामवती को कब्जा दिलवाया जाए। लेकिन पुलिस ने आज दिन तक कब्जा नहीं दिलवाया।
वहीं फरियादी रामवती अधिकारियों से गुहार लगा रही है। उनका कहना है कि, जिन लोगों ने उनकी जमीन को फर्जी तरीके से नामांतरण कराया एवं गठन कराया उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए वे दर-दर की ठोकरें खा रही हैं। अधिकारियों ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। इसी कारण अब रामवती एवं उनके पुत्र आत्महत्या करने के लिए मजबूर है।
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