सर्दियों की शुरुआत के साथ, देश की राजधानी दिल्ली में वायु और पानी दोनों प्रदूषित होने लगे हैं. दिल्ली की हवा प्रदूषित होकर सांसों पर पहरा लगा रही है, जबकि यमुना में झाग तैरने लगे हैं. अगस्त में हुई अच्छी बारिश के कारण यमुना में पहले से ज्यादा ऑक्सीजन और फेकल कोलीफॉर्म का लेवल बढ़ गया है, जिससे यमुना में मल का लेवल बढ़ गया है, जो छठ के दौरान पूजा करने वालों के लिए खतरनाक हो सकता है, जैसा कि DPCC की रिपोर्ट बताती है.
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, भाजपा ने अरविंद केजरीवाल का एक पुराना वीडियो भी बाहर निकाल लिया है, जिसमें मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि यमुना साफ हो जाएगी और वह खुद इसमें डुबकी लगाएंगे, यहां तक कि ऐसा नहीं होने पर उन्हें वोट नहीं दिया जाएगा.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी केजरीवाल के भाषण का एक हिस्सा शेयर करते हुए कहा, ‘अरविंद केजरीवाल कब यमुना में डुबकी लगाने आ रहे हैं? ‘आप’ ने दिल्ली का बुरा हाल कर दिया. दिल्ली भाजपा के नेता विजय गोयल ने झाग से पटी यमुना का वीडियो दिखाते हुए कहा, “अब तो जनता भी कह रही है-केजरीवाल भगाओ, दिल्ली बचाओ. अरविंद केजरीवाल सरकार ने 2015 में वादा किया था कि यमुना को साफ करेंगे, लेकिन इतने सालों में बस प्रेस कांफ्रेंस करके और वही घिसी पीटी स्क्रिप्ट से जनता को मूर्ख बना रहे हैं और दूसरी तरफ यमुना साफ होने की जगह और गंदी हो गई.’
छठ से पहले जहरीली हुई यमुना
यमुना का एक भयानक वीडियो सामने आया है, जिसमें सिर्फ झाग नदी में फैले हुए हैं, जो बर्फ से ढके हुए हैं, ऐसा लगता है कि नदी में पानी कम है और अधिक झाग है. वीडियो कालिंदी कुंज इलाके का है, जो यमुना में गिरने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पश्चिम से आता है. इस सफेद झाग का एक बड़ा कारण छोटी बड़ी फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल वेस्ट है, जो नालों से होकर यमुना में गिरता है. इस झाग के ऊपर एक पतली सी काले रंग की परत है, जो कैंसर और फेफड़ों की बीमारी का सबसे बड़ा कारण है.
यमुना इतनी प्रदूषित होने के बावजूद भी लोग छठ पर उस गंदे पानी में स्नान करते हैं. सरकार हर साल करोड़ों रुपए यमुना की सफाई करने के लिए खर्च करती है, लेकिन यह पैसा शायद कागजों में खर्च होता है, इसलिए इसका असर यमुना के पानी में नहीं दिखता. सितंबर के महीने में दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल समिति ने यमुना के सभी स्थानों से पानी के सैंपल लिए. जांच के लिए भेजे गए सैंपल की जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए.
AQI स्तर दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ा है. दिल्ली-एनसीआर में कुछ क्षेत्रों में AQI 300 से ऊपर है. दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर लोगों को अपनी स्वास्थ्य की चिंता होने लगती है. ताजा आंकड़ों की बात करें, 18 अक्तूबर को दिल्ली का औसत AQI 293 मापा गया, जो खराब श्रेणी में आता है, लेकिन बहुत करीब है.
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